Hailstorm: खड़ी फसल के लिए खतरा बनेगी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि, मौसम विभाग ने दी चेतावनी
Standing crops:मौसम विभाग ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि भारत की सर्दियों में बोई जाने वाली प्रमुख फसलों जैसे गेहूं, रेपसीड और छोले को फसल की कटाई शुरू होने से ठीक पहले नुकसान पहुंचा सकती है।
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि
मुख्य बातें
बारिश और ओलावृष्टि चिंता बढ़ा रही है
सर्दियों की फसलों की कटाई अभी शुरू हुई है
खड़ी फसलें प्रभावित होंगी और उत्पादन कम हो सकता है
सर्दियों की फसलों की कटाई अभी शुरू हुई है
खड़ी फसलें प्रभावित होंगी और उत्पादन कम हो सकता है
IMD Warning: भारत के मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 10 दिनों में मध्य, उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में प्रमुख उत्पादक राज्यों में अधिक बारिश और ओलावृष्टि (hailstorm and rain) हो सकती है यह उत्पादन को कम कर सकता है और खाद्य मुद्रास्फीति (food inflation) को ऊपर उठा सकता है, जिसे सरकार और केंद्रीय बैंक नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।
गेहूं के उत्पादन में गिरावट से नई दिल्ली के लिए इन्वेंट्री को फिर से भरना मुश्किल हो सकता है, जबकि रेपसीड का कम उत्पादन (rapeseed output) दुनिया के सबसे बड़े खाद्य तेल खरीदार को पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी के तेल के आयात को बढ़ाने के लिए मजबूर कर सकता है।
'खड़ी फसलें प्रभावित होंगी और उत्पादन कम हो सकता है'
आईएलए कमोडिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक ने कहा, 'बारिश और ओलावृष्टि चिंता बढ़ा रही है, क्योंकि सर्दियों की फसलों की कटाई अभी शुरू हुई है खड़ी फसलें प्रभावित होंगी और इससे उत्पादन कम हो सकता है।' किसान आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर में गेहूं, रेपसीड और छोले की बुवाई शुरू करते हैं और फरवरी के अंत से उनकी कटाई करते हैं।
'30 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की ओलावृष्टि और तेज हवाएं चल सकती हैं'
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि अगले कुछ दिनों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में 30 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की ओलावृष्टि और तेज हवाएं चल सकती हैं। वहीं सबसे बड़े रेपसीड उत्पादक राज्य राजस्थान के एक किसान ने कहा कि सामान्य से अधिक तापमान और जल्दी पकने के कारण सर्दियों में बोई जाने वाली फसलें पहले से ही दिक्कत में हैं।
'अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया'
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में कुछ गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया, जो सामान्य से लगभग सात डिग्री सेल्सियस अधिक है वहीं वैश्विक व्यापारिक घराने के मुंबई स्थित एक डीलर ने कहा कि बारिश से न केवल पैदावार कम होगी बल्कि फसल की गुणवत्ता भी कम हो सकती है।
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