आफत: यूपी-बिहार में हीटवेव से मौतें, केंद्र ने बुलाई बैठक, असम-राजस्थान में बाढ़ से तबाही

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया देश के कुछ हिस्सों में जारी लू की स्थिति से निपटने के लिए जन स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों की समीक्षा के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

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Heatwave and Flood: पिछले कुछ दिनों से मौसम अपना रौद्र रूप दिखा रहा है। मानसून में देरी के बीच मौसम का अजब-गजब खेल जारी है। कहीं भारी बारिश और बाढ़ ने जिंदगी को मुश्किल बना दिया है, तो कहीं भयंकर गर्मी लोगों की जान ले रही है। राजस्थान, असम, सिक्किम और चेन्नई में जबरदस्त बारिश हो रही है। वहीं, यूपी और बिहार में पड़ी रही भीषण गर्मी और लू ने कई लोगों की जान ले ली है। लू की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई है। क्या है पूरे देश का हाल आपको बता रहे हैं।

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यूपी-बिहार में सैंकड़ों मौतें

यूपी-बिहार सहित कई राज्यों में आसमान से आग बरस रही है। भीषण गर्मी के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है। यूपी के बलिया में तीन दिन के अंदर 57 मौतें दर्ज की गई हैं। यूपी में गर्मी और लू के कारण कई जिलों में मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। बलिया में लू के चलते पिछले 9 दिनों में 128 लोगों की जान जा चुकी है। देवरिया में भी पिछले करीब 53 लोगों की मौत हुई है। प्रतापगढ़ में मौत का आंकड़ा 18 तक पहुंच चुका है। वहीं, वाराणसी में भी अब तक 7 लोगों की जान जा चुकी है। बलिया में हुई मौत की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक टीम भेजी गई है। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की बात भी की जा रही है।

यही हाल बिहार में है। पटना समेत कई जिलों में लू के कारण अब तक 44 लोगों की मौत दर्ज की गई है। कुल मिलाकर प्रचंड गर्मी के कारण दोनों राज्यों में अबतक सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं और कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

लू की स्थिति: मांडविया करेंगे बैठक

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया देश के कुछ हिस्सों में जारी लू की स्थिति से निपटने के लिए जन स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों की समीक्षा के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। इसमें नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ राजीव बहल और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के विशेषज्ञ पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे होने वाली इस बैठक में शामिल होंगे। पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा सहित देश के विभिन्न हिस्सों से लू के कारण कई लोगों की मौत की खबरें हैं।

असम बाढ़: राज्य के 10 जिलों में 31,000 लोग प्रभावित

असम में बाढ़ के कारण हालात गंभीर हैं। राज्य के 10 जिलों में अब भी करीब 31,000 लोग जलमग्न क्षेत्र में रहने को मजबूर हैं। आईएमडी ने राज्य में रेड अलर्ट जारी किया है और असम के कई जिलों में अगले पांच दिन तक बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। आईएमडी के गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने विशेष मौसम बुलेटिन में सोमवार से 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया जिसके बाद अगले दो दिन तक ऑरेंज अलर्ट और गुरुवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

रेड अलर्ट में तुरंत कार्रवाई की जरूरत होती है, वहीं ऑरेंज अलर्ट कार्रवाई के लिए तैयार रहने और येलो अलर्ट निगरानी रखने और सतर्क रहने के लिए होता है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार चिरांग, दर्रांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, कोकराझार, लखीमपुर, नलबाड़ी, सोनितपुर और उदलगुड़ी जिलों में बाढ़ के कारण 30,700 से अधिक लोग प्रभावित हैं। सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला लखीमपुर है जहां 22,000 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

प्रशासन राज्य के सात जिलों में 25 राहत वितरण केंद्र चला रहा है, लेकिन अभी तक कोई राहत शिविर शुरू नहीं हुआ है। एएसडीएमए ने कहा कि इस समय राज्य के 444 गांव जलमग्न हैं और 4,741.23 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली फसल बर्बाद हो गयी है। कई जिलों में बड़े स्तर पर भूक्षरण भी हुआ है। दीमा हसाओ, कामरूप महानगर और करीमगंज में कुछ जगहों पर भारी बारिश की वजह से भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं।

राजस्थान में दो दिन में भारी बारिश से सात लोगों की मौत

अरब सागर में उठे चक्रवात बिपारजॉय के असर से राजस्थान के कुछ हिस्‍सों में पिछले दो दिनों में अत्यधिक भारी बारिश होने के कारण हुए हादसों में सात लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार और बुधवार को होने वाला बूंदी, कोटा, झालावाड़ और दौसा का अपना दौरा रद्द कर दिया है और मुख्यमंत्री मंगलवार और बुधवार को बिपरजॉय चक्रवात से प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और प्रभावित लोगों से मुलाकात करेंगे।

गहलोत आज बाड़मेर, सिरोही व जालोर जिले तथा बुधवार को पाली व जोधपुर जिले का दौरा करेंगे। आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग के सचिव पीसी किशन ने कहा कि पिछले दो दिनों में बारिश जनित हादसों में सात लोगों की मौत हुई है। सात में से चार मौतें राजसमंद में हुईं। अधिकारी ने कहा कि जालोर, सिरोही, पाली और बाड़मेर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों ने पिछले दो दिनों में इन जिलों के विभिन्न स्थानों से 133 लोगों, राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) के कर्मियों ने 123 लोगों और सेना के जवानों ने नौ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। करीब 15,000 लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

शुरुआती आकलन के अनुसार लगभग 8,700 कच्चे घर और 2,000 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए और बिजली के 8,500 खंभे गिर गए। मौसम विभाग के अनुसार रविवार से सोमवार सुबह तक सिरोही के शिवगंज में 35 सेमी, टोंक के नगरफोर्ट में 31 सेमी, राजसमंद के देवगढ़ में 27 सेमी, राजसमंद के कुंभलगढ़ में 25 सेमी, राजसमंद के आमेट में 24 सेमी, राजसमंद में 22 सेमी और अजमेर में 16 सेमी बारिश दर्ज की गई। अजमेर में सोमवार को सबसे अधिक 100.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।

चेन्नई और उपनगरीय इलाकों में भारी बारिश, स्कूल बंद

उधर, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और उसके उपनगरीय इलाकों में भारी बारिश के मद्देनजर अधिकारियों ने मंगलवार को भी स्कूलों के बंद रहने की घोषणा की है। बारिश के कारण हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं प्रभावित हुईं। सोमवार को दोहा और दुबई से आने वाली उड़ानों सहित लगभग 10 उड़ानें बेंगलुरु की ओर मोड़ दी गईं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से शहर और इसके आसपास के जिलों में पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों को बारिश से राहत मिली। बारिश के कारण अधिकारियों ने वेल्लोर और रानीपेट के अलावा चेन्नई और पड़ोसी जिलों चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर के स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की है।

सिक्किम में भारी बारिश के बाद भूस्खलन, 100 मकान क्षतिग्रस्त

पश्चिम सिक्किम में भारी बारिश के कारण कई बार भूस्खलन होने की वजह से कम से कम 100 मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कई पुल बह गए। अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण कॉलेज खोला वेली के ऊपरी इलाकों में बाढ़ आ गई, जिससे सबसे अधिक नुकसान सिम्फोक में हुआ और वहां एक बड़ा पुल बह गया। उन्होंने बताया कि ग्यालशिंग जिले के अंतर्गत डेंटम उपमंडल में भी भूस्खलन के कारण कई मकान और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। भूस्खलन के कारण खेत और पशुधन भी प्रभावित हुए। अधिकारियों ने बताया कि लोअर सपुंग में कॉलेज खोला पर बना पुल भूस्खलन के कारण बह गया। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मुहैया कराई है और सड़कों और पुलों की मरम्मत का काम जारी है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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