मौसम का यू-टर्न: यूपी में लू और गर्मी से करीब 200 की मौत, तो राजस्थान सहित कई राज्यों में भारी बारिश और भूस्खलन

राजस्थान और नॉर्थ-ईस्ट में अब भी भारी बारिश हो रही है तो यूपी-बिहार में लू के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। यूपी के बलिया में लू के कारण कई लोगों की मौत हुई है।

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Weather U-Trun in India: देश में मौसम से यू-टर्न ने विशेषज्ञों को भी चौंका दिया है। कहीं भारी बारिश और भूस्खलन हो रहा है तो कहीं गर्मी और लू से लोगों की मौत रही है। बिपरजॉय तूफान के बाद मौसम के पैटर्न में और बदलाव दिख रहा है। राजस्थान और नॉर्थ-ईस्ट में अब भी भारी बारिश हो रही है तो यूपी-बिहार में लू के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। यूपी के बलिया में लू के कारण कई लोगों की मौत हुई है। देश में किस राज्य का कैसा हाल है, आपको बता रहे हैं।

बलिया जिला अस्पताल में 9 दिन में 128 की मौत

यूपी में गर्मी और लू के कारण कई जिलों में मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। बलिया में लू के चलते पिछले 9 दिनों में 128 लोगों की जान जा चुकी है। देवरिया में भी पिछले 24 घंटे में 53 लोगों की मौत हुई है। प्रतापगढ़ में मौत का आंकड़ा 18 तक पहुंच चुका है। वही वाराणसी में भी अब तक 7 लोगों की जान जा चुकी है। बलिया में हुई मौत की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक टीम भेजी गई है। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की बात भी की जा रही है।
बलिया जिले में भीषण गर्मी और लू के कहर के बीच पिछले चार दिनों में पर 54 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को दावा किया है कि जिले में हीट स्ट्रोक से अब तक केवल दो लोगों की मौत हुई है। वहीं, बलिया से विधायक और प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि गर्मी के समय मृत्यु दर बढ़ जाती है। इस बीच, मामले को लेकर सरकार द्वारा गठित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम ने रविवार से जांच शुरू कर दी है।
बलिया के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जयंत कुमार ने दावा किया कि बलिया जिले में हीट स्ट्रोक से अब तक सिर्फ दो लोगों की ही मौत हुई है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल के अभिलेखों में दर्ज विवरण के अनुसार 40 फीसदी लोगों की बुखार व 60 फीसदी लोगों की अन्य रोगों से मौत हुई है। जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल में रोगियों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए समस्त प्रबंध किए गए हैं। 15 बिस्तर बढ़ाए गए हैं। इसके साथ ही अस्पताल के कमरों में कूलर पंखे और एयर कंडीशनर लगाए गए हैं। जिला अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस के यादव ने बताया कि अस्पताल में गत 15 जून को 154 रोगी भर्ती हुए थे, जिनमें 23 रोगियों की विभिन्न कारणों से मृत्यु हुई है। उनके मुताबिक, इसके अलावा 16 जून को 20 रोगियों की तथा 17 जून को 11 रोगियों की मृत्यु हुई है। उन्होंने स्वीकार किया है कि बलिया में सामान्य से ज्यादा संख्या में लोग मर रहे हैं। उनमें से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या अधिक है।

मंत्री दयाशंकर सिंह का अजीबोगरीब बयान

इस बीच, बलिया सदर से भाजपा विधायक और प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का इस मामले को लेकर अजीबोगरीब बयान सामने आया है उन्होंने रविवार को एक सरकारी कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि गर्मी के समय मृत्यु दर बढ़ जाती है और पहले भी ऐसा होता रहा है तथा ऐसा नहीं है कि सिर्फ इसी बार ऐसा हो रहा है। सिंह ने कहा कि मृत्यु हो रही है तो स्वाभाविक भी हो रही है तथा इसे सिर्फ गर्मी से ही जोड़कर न देखा जाए। इधर, बलिया में भीषण गर्मी के बीच बड़ी संख्या में हो रही मौतों के बीच शासन ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिवाकर सिंह को हटा दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को इसकी पुष्टि की है।

बिपरजॉय के कारण राजस्थान कई कई इलाकों में भारी बारिश

राजस्थान के जालोर, सिरोही और बाड़मेर जिलों में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की वजह से हुई भारी बारिश के कारण लोगों को बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। एसडीआरएफ टीम ने 59 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिपरजॉय तूफान के कारण बनी परिस्थितियों को लेकर जालौर, सिरोही, बाड़मेर और पाली के जिलाधिकारियों से बात की। स्थिति नियंत्रण में हैं और लगातार निगरानी की जा रही है। राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) के कमांडेंट राजकुमार गुप्ता ने बताया कि ‘बिपारजॉय’ तूफान के मद्देनजर जालोर जिले के भीनमाल कस्बे की बाढ़ग्रस्त ओड बस्ती में फंसे कुल 39 लोगों को एसडीआरएफ टीम ने वहां से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि बाड़मेर जिले के धौरीमन्ना कस्बे के निचले इलाकों में पानी भरने से घरों में फंसे 20 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
पुलिस ने बताया कि बाड़मेर और राजसमंद जिलों में बारिश जनित दो अलग-अलग हादसों में एक महिला सहित चार लोगों की मौत हो गई। बाड़मेर के सेवडा थानाधिकारी हंसाराम ने बताया कि रविवार सुबह गंगासरा गांव के तालाब में नहाने गए दो चचेरे भाईयों की डूबने से मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान कृपाल सिंह और खेत सिंह के रूप में की गई है। दोनों नौ से 11 वर्ष की आयुवर्ग के हैं। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिये गये हैं। राजसमंद पुलिस नियंत्रण कक्ष ने बताया कि बाघोटा गांव में चट्टान के खिसने से प्रेमसिंह राजपूत (45) की मौत हो गई और केलवा थाना क्षेत्र के केलवा गांव में मकान का छज्जा गिरने से लाली बाई (48) की मौत हो गई।

जालोर, सिरोही और बाड़मेर जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति

राजस्थान के आपदा और राहत सचिव पीसी किशन ने कहा कि भारी बारिश के कारण जालोर, सिरोही और बाड़मेर जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है। अगले 15-20 घंटों में भारी बारिश होने का अलर्ट भी है। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हमारी कई टीम अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि पिंडवाड़ा, आबू रोड और रेवड़ में कई बड़े बांधों में पानी बहुत ज्यादा भर गया है। आपदा राहत एवं प्रबंधन विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कई इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को सुबह से शाम तक पाली के ऐरन पुरा रोड में 226 मिलीमीटर (मिमी), सिरोही में 155 मिमी, जालोर में 123 मिमी और जोधपुर शहर में 91 मिमी बारिश दर्ज की गई।
विभाग के अनुसार, रविवार सुबह 8.30 बजे तक जालोर के चितलवाना में 336 मिमी, जसवंतपुरा में 291 मिमी, रानीवाड़ा में 317 मिमी, शिवगंज में 315 मिमी, सुमेरपुर में 270 मिमी, चोहटन में 266 मिमी, धोरीमन्ना में 256 मिमी, रानी में 249 मिमी, रेवधर में 243 मिमी, बाली में 240 मिमी बारिश दर्ज की गई है। अन्य अनेक स्थानों पर 203 मिमी से लेकर 67 मिमी तक बारिश दर्ज की गई। जयपुर मौसम केंद्र के प्रभारी राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के चार जिलों में भारी बारिश (200 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश) अब तक रिकॉर्ड हुई है। इनमें जालोर, सिरोही, बाड़मेर और पाली जिले शामिल हैं।
इसके साथ ही राज्य के अन्य कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश अब तक दर्ज की गई है। फिलहाल भारी बारिश का दौर पाली , राजसमंद, अजमेर, उदयपुर जिलों और आसपास के क्षेत्रों में जारी है। उन्होंने बताया कि आगामी 24 घंटों में अजमेर और उदयपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है। शर्मा ने बताया कि आगामी 24 घंटों के दौरान पाली, सिरोही ,राजसमंद और उदयपुर में विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। उन्होंने कहा कि अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, टोंक , बूंदी, जयपुर, नागौर, और जालोर में कहीं-कहीं भारी और बहुत भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि राज्य के उत्तर पश्चिमी इलाकों-- हनुमानगढ, गंगानगर, चूरू और बीकानेर में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है।

सिक्किम में भारी बारिश के बाद भूस्खलन, 100 मकान क्षतिग्रस्त

पश्चिम सिक्किम में भारी बारिश के कारण कई बार भूस्खलन होने की वजह से कम से कम 100 मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कई पुल बह गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि बारिश के कारण कॉलेज खोला वेली के ऊपरी इलाकों में बाढ़ आ गई, जिससे सबसे अधिक नुकसान सिम्फोक में हुआ और वहां एक बड़ा पुल बह गया। उन्होंने बताया कि ग्यालशिंग जिले के अंतर्गत डेंटम उपमंडल में भी भूस्खलन के कारण कई मकान और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। भूस्खलन के कारण खेत और पशुधन भी प्रभावित हुए। अधिकारियों ने बताया कि लोअर सपुंग में कॉलेज खोला पर बना पुल भूस्खलन के कारण बह गया। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मुहैया कराई है और सड़कों और पुलों की मरम्मत का काम जारी है।

चेन्नई और उपनगरीय इलाकों में भारी बारिश, स्कूल बंद

उधर, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और उसके उपनगरीय इलाकों में रातभर हुई भारी बारिश के मद्देनजर अधिकारियों ने सोमवार को स्कूलों के बंद रहने की घोषणा की है। बारिश के कारण हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं प्रभावित हुईं। दोहा और दुबई से आने वाली उड़ानों सहित लगभग 10 उड़ानें बेंगलुरु की ओर मोड़ दी गईं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से शहर और इसके आसपास के जिलों में पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों को बारिश से राहत मिली। बारिश के कारण अधिकारियों ने वेल्लोर और रानीपेट के अलावा चेन्नई और पड़ोसी जिलों चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर के स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की है। मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को शहर और इसके उपनगरों में और अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है।

असम में बाढ़ जैसे हालात, 77 गांव बाढ़ से प्रभावित

पूर्वोत्तर राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार भारी बारिश के कारण असम में बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई है। इससे 10 जिलों में 37,535 लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, बाढ़ की पहली लहर ने बिश्वनाथ, डारंग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, होजई, लखीमपुर, नागांव, सोनितपुर, तिनसुकिया, उदलगुरी के बड़े हिस्से को प्रभावित किया है। इसके अलावा, शहरों में कामरूप मेट्रो, कछार और नलबाड़ी जिलों में शहरी बाढ़ की सूचना मिली है। राज्य सरकार ने आश्रय शिविरों का निर्माण शुरू कर दिया है और हजारों प्रभावित लोगों ने इन शिविरों में जाना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, किसानों की आजीविका प्रमुख रूप से प्रभावित होगी क्योंकि बाढ़ के कारण 1,409 हेक्टेयर से अधिक फसली भूमि जलमग्न हो गई है।
एएसडीएमए ने कहा कि कुल मिलाकर 77 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और पूरे असम में 209.67 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। इस बीच गुवाहाटी में लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण मिठाई बनाने वाली एक फैक्ट्री की दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। घटना शनिवार सुबह गुवाहाटी के धीरेनपारा इलाके के सोनाली पथ की है। मृतक की पहचान मुख्तार अली के रूप में हुई है जो जिंदा दफन हो गया था और एसडीआरएफ की टीम ने मलबे से उसका शव बरामद किया।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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