संदेशखाली: राज्यपाल ने लिखा ममता सरकार को पत्र, शाहजहां को तुरंत गिरफ्तारी करने को कहा
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि संदेशखाली में यौन उत्पीड़न एवं जमीन पर जबरन कब्जा करने के आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है।
शाहजहां शेख
Sandeshkhali: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने सोमवार रात राज्य सरकार से कहा कि अगर वे संदेशखाली में यौन उत्पीड़न और जमीन पर कब्जा करने के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने में विफल रहते हैं तो 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट दाखिल करें। राज्यपाल का पत्र कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा पुलिस को शाहजहां को गिरफ्तार करने का निर्देश देने की पृष्ठभूमि में आया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
गिरफ्तारी नहीं होने पर 72 घंटे के अंदर कारण बताया जाए
अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल ने राज्य के संदेशखाली में बदमाशों द्वारा एक बच्चे को फेंके जाने की घटना की जांच करने और उनके कार्यालय को एक रिपोर्ट सौंपने को भी कहा। बोस ने राज्य सरकार को लिखे पत्र में कहा, कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में संदेशखाली घटना के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए अन्यथा 72 घंटे के भीतर इसकी वजह बतायी जाए।
कलकत्ता हाई कोर्ट का निर्देश
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि संदेशखाली में यौन उत्पीड़न एवं जमीन पर जबरन कब्जा करने के आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है। अदालत ने निर्देश दिया कि महिलाओं के यौन उत्पीड़न और आदिवासी लोगों की जमीन हड़पने के आरोपों का स्वत: संज्ञान लेकर शुरू किए गए मामले में शेख, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और राज्य के गृह सचिव को पक्षकार बनाया जाए।
ईडी पर हमले के बाद से शेख फरार
मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने निर्देश दिया कि हाई कोर्ट रजिस्ट्री द्वारा समाचार पत्रों में एक सार्वजनिक नोटिस दिया जाए जिसमें यह कहा गया हो कि शेख को मामले में पक्षकार बनाया गया है, क्योंकि वह फरार हैं और उसे पांच जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय पर भीड़ के हमले के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने यह स्पष्ट किए जाने का अनुरोध किया था कि क्या शेख की गिरफ्तारी पर रोक का पुलिस को कोई आदेश दिया गया है। इसके जवाब में खंडपीठ ने कहा कि ऐसी कोई रोक नहीं है और पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।
हाई कोर्ट ने फैसले को किया स्पष्ट
अदालत ने कहा कि एक अलग मामले में उसने केवल सीबीआई और राज्य पुलिस के उस संयुक्त विशेष जांच दल के गठन पर रोक लगाई थी, जिसे एकल पीठ ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य भी इस खंडपीठ में शामिल हैं। खंडपीठ ने निर्देश दिया कि मामले पर चार मार्च को फिर से सुनवाई की जाएगी। (Bhasha Input)
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