पश्चिम बंगाल से हैं सबसे ज्यादा महिला सांसद, तो इन प्रदेशों से एक भी नहीं

Woman MPs In Loksabha : संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधयेक पारित तो हो जाएगा लेकिन 33 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को नए परिसीमन के बाद ही लागू किया जा सकता है। 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर आधारित लोकसभा सीटों की संख्या 545 बनी हुई है।

महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना तय है।

Woman MPs In Loksabha : संसद के नए भवन में 19 अगस्त को सरकार ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया। विपक्षी दलों के रवैये को देखते हुए इस बार संसद के दोनों सदनों से इस विधेयक का पारित होना तय है। इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। यानी कि लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटों पर महिलाओं का हक होगा। इन सीटों से चुनाव जीतकर महिलाएं ही लोकसभा पहुंचेंगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों से 78 महिलाएं चुनाव जीतकर निम्न सदन पहुंचीं। इनमें सबसे ज्यादा महिला सांसदों की संख्या पश्चिम बंगाल से है। बंगाल से टीएमसी से 10 और भाजपा से दो महिलाओं ने चुनाव जीता। महिला सांसदों की संख्या के मामले में देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश है। यूपी से महिला सांसदों की संख्या 11 है।

कानून तो बन जाएगा लेकिन अभी करना होगा इंतजार

संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधयेक पारित तो हो जाएगा लेकिन 33 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को नए परिसीमन के बाद ही लागू किया जा सकता है। 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर आधारित लोकसभा सीटों की संख्या 545 बनी हुई है। अब अगली जनगणना और परिसीमन के बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में ही यह आरक्षण लागू हो पाएगा। यानी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू नहीं होगा।

किस राज्य से कितनी महिला सांसद

  • 2019 में लोकसभा चुनाव जीतकर 78 महिलाएं संसद पहुंचीं।
  • पश्चिम बंगाल से सबसे ज्यादा 12 महिला सांसद लोकसभा पहुंचीं।
  • बंगाल से टीएमसी से 10 और भाजपा से 2 महिलाओं ने चुनाव जीता।
  • उत्तर प्रदेश से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या 11 है।
  • यूपी से भाजपा की 8, अपना दल की एक, कांग्रेस और बसपा की एक-एक सांसद हैं।
  • महाराष्ट्र से महिला सांसदों की संख्या 8 है। भाजपा से 5, शिवसेना से 1, एनसीपी से 1 और 1 निर्दलीय है।
  • उड़ीसा से महिला सांसदों की संख्या 6 है। बीजद से तीन और भाजपा से 3 सांसद हैं।
  • गुजरात से छह महिला सांसद हैं। छह सांसद भाजपा से हैं।
  • आंध्र प्रदेश से महिला सांसदों की संख्या चार है। चारो सांसद वाईएसआरसीपी से हैं।
  • मध्य प्रदेश से 4 महिला सांसद हैं। ये सभी महिला सांसद भाजपा की हैं।
  • छत्तीसगढ़ से महिला सांसदों की संख्या 3 है। ये सभी 3 सांसद भाजपा से हैं।
  • बिहार से भी महिला सांसदों की संख्या 3 है। भाजपा, लोजपा, जदूयू से एक-एक सांसद हैं।
  • राजस्थान और तमिलनाडु दोनों प्रदेशों से महिला सांसदों की संख्या तीन-तीन है।
  • कर्नाटक से दो महिला सांसद हैं। इनमे से एक सांसद भाजपा दूसरी निर्दलीय है।
  • झारखंड से दो महिला सांसद एक भाजपा से दूसरी कांग्रेस से है।
  • त्रिपुरा से भाजपा की एक महिला सांसद है।
  • हरियाणा से भाजपा की एक महिला सांसद।
  • मेघालय से एनपीपी की महिला सांसद।
  • असम से भाजपा की महिला सांसद।
  • केरल से कांग्रेस की एक महिला सांसद
  • पंजाब से भाजपा की एक, कांग्रेस की एक, अकाली से एक महिला सांसद।
  • तेलंगाना से टीआरएस की एक महिला सांसद।
  • उत्तराखंड से भाजपा की एक महिला सांसद
  • नई दिल्ली से भाजपा की एक सांसद।
इन राज्यों से एक भी महिला सांसद नहीं

देश में कुछ ऐसे राज्य भी हैं जहां से अभी कोई महिला सांसद नहीं है। ये राज्य हैं-अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर, गोवा, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान निकोबार और दमन द्वीव। समझा जाता है कि 2014 के बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। संसद एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू हो जाने के बाद राजनीतिक दलों को उन्हें टिकट देने की बाध्यता होगी। इससे आधी आबादी को उनका हक मिलेगा।

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