हिंदू महासभा के Durga Pandal में 'असुर' जैसे दिखाए गए 'बापू', बवाल! आयोजक बोले- ये संयोग, गांधी ने कभी न पकड़ी ढाल

वैसे, इससे पहले दिन में एक पत्रकार ने कोलकाता पुलिस को टैग करते हुए दुर्गा प्रतिमा की एक तस्वीर ट्वीट की थी। हालांकि, उन्होंने बाद में उन्होंने पुलिस के त्योहार के समय तनाव पैदा होने के निर्देश का हवाला देते हुए पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा दिया था, जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे राजनीतिक दलों ने भी गांधी के ‘महिषासुर’ के रूप में कथित चित्रण की आलोचना की।

devi asur gandhi

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को मां दुर्गा की इस प्रतिमा इस जगह और इस तरह दर्शाया गया।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजधानी कोलकाता (Kolkata) में एक दुर्गा पूजा पंडाल (Durga Pandal) में ‘महिषासुर’ की जगह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तरह दिखने वाली प्रतिमा लगने के बाद रविवार (दो अक्टूबर, 2022) को सियासी बवाल मच गया। गांधी जयंती पर विवाद सामने आया तो आयोजकों ने सफाई में कहा कि यह महज संयोग भर है। वह बापू की मूर्ति नहीं हैं। गांधी ने कभी भी ढाल नहीं पकड़ी।

दरअसल, यह पूरा मामला साउथ वेस्ट (दक्षिण पश्चिम) कोलकाता में रूबी क्रॉसिंग के पास का है। वहां अखिल भारतीय हिंदू महासभा पूजा के आयोजकों की ओर से इस पंडाल में देवी मां की भव्य प्रतिमा लगाई गई थी, जिसमें नीचे एक असुर की जगह पर सिर मुंडे और चश्मा पहने बुजुर्ग व्यक्ति की मूर्ति थी। यह देखने (चेहरे से) में बापू जैसी ही नजर आ रही थी।

हालांकि, इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस के निर्देश पर गांधी की तरह दिखने वाली मूर्ति के रूप में बदलाव किया गया। आयोजकों ने विवाद के बीच कहा कि समानताएं होना ‘‘केवल एक संयोग’’ था। पूजा आयोजकों की मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। आयोजकों की ओर से समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा को बताया गया, ‘‘पुलिस ने हमें इसे बदलने के लिए कहा, और हमने इसे मान लिया। हमने महिषासुर की मूर्ति पर मूंछें और बाल लगा दिए।’’

इस बीच, अंग्रेजी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' को ऑल इंडिया हिंदू महासभा के प.बंगाल स्टेट यूनिट के वर्किंग प्रेसिडेंट चंद्रचूड़ गोस्वामी ने बताया कि बिना बालों और चश्मा लगाने वाले व्यक्ति जरूरी नहीं कि गांधी ही हों। असुर ने ढाल भी पकड़ रखी थी, पर गांधी ने तो कभी भी ढाल नहीं थामी। यह महज संयोग था कि हमारा असुर जिसे मां दुर्गा मूर्ति में मार रही थीं वह दिखने में गांधी जैसा था। कई लोगों ने कहा कि यह तो गांधी हैं। हालांकि, सच यह भी कि बापू की आलोचना भी होनी चाहिए।

वैसे, इससे पहले दिन में एक पत्रकार ने कोलकाता पुलिस को टैग करते हुए दुर्गा प्रतिमा की एक तस्वीर ट्वीट की थी। हालांकि, उन्होंने बाद में उन्होंने पुलिस के त्योहार के समय तनाव पैदा होने के निर्देश का हवाला देते हुए पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा दिया था, जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे राजनीतिक दलों ने भी गांधी के ‘महिषासुर’ के रूप में कथित चित्रण की आलोचना की।

टीएमसी के राज्य महासचिव ने कहा कि यह बीजेपी का असल चेहरा है। बाकी वे जो कुछ भी करते हैं, वह सब ड्रामा है। महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं। दुनिया उनका और उनकी विचारधारा का सम्मान करती है। ऐसे में गांधी का यह अपमान नहीं बर्दाश्त किया जाएगा। हम इसका सख्ती से विरोध करते हैं। वहीं, बीजेपी के समिक भट्टाचार्य बोले- हम इस तरह की चीजों का समर्थन नहीं करते हैं।

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Abhishek Gupta author

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