पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में क्यों धरने पर बैठे टीएमसी विधायक? जानें क्या है माजरा
West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में नया सियासी बवाल छिड़ा हुआ है। शपथ ग्रहण गतिरोध को लेकर सत्ताधारी पार्टी और राज्यपाल के बीच कशमकश का दौर जारी है। दो निर्वाचित टीएमसी विधायक धरने पर बैठे हुए हैं। वो विधानसभा में राज्यपाल का इंतजार कर रहे हैं। आपको सारा माजरा बताते हैं।
विधायकों के शपथ ग्रहण में देरी होने पर सियासत।
MLA's Strike in Assembly: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा विधानसभा में शपथ ग्रहण कराने के अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार करने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
किन दो विधायकों को शपथ दिलाने में देरी?
दोनों विधायक सायंतिका बंदोपाध्याय और रायत हुसैन सरकार ने कहा कि वे शाम चार बजे तक विधानसभा में राज्यपाल के आने का इंतजार करेंगे, ताकि वे उन्हें पद की शपथ दिला सकें या अध्यक्ष को ऐसा करने के लिए अधिकृत कर सकें। राजभवन ने हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में निर्वाचित दोनों विधायकों को बुधवार को गवर्नर हाउस में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि टीएमसी ने दावा किया कि उपचुनाव जीतने वालों के मामले में परंपरा यह है कि राज्यपाल विधानसभा के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को शपथ दिलाने का काम सौंपते हैं।
राज्यपाल के लिए ममता सरकार ने क्या कहा?
सरकार ने मीडिया से कहा, 'हमने माननीय राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे विधानसभा में आएं और पद की शपथ दिलाएं या यह जिम्मेदारी अध्यक्ष को सौंप दें। हालांकि उन्होंने दोनों विकल्पों को अस्वीकार कर दिया है। इसलिए हम विधानसभा की सीढ़ियों पर इंतजार कर रहे हैं।'
हुसैन सरकार और बंदोपाध्याय तख्तियों पर 'उन्हें निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति दी जाए' जैसे नारे लिखकर राज्यपाल से अनुरोध करते दिखे। बंदोपाध्याय ने कहा, 'जब तक हम शपथ नहीं ले लेते तबतक हम विधायक के तौर पर काम नहीं कर सकते। हमारे निर्वाचन क्षेत्र के लोग परेशान हैं।'
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- गतिरोध नहीं होना चाहिए
सरकार ने यह भी बताया कि वह और बंदोपाध्याय शाम 4 बजे तक राज्यपाल द्वारा शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने या विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की मौजूदगी में शपथ ग्रहण के लिए अपनी सहमति देने का इंतजार करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, 'शपथग्रहण समारोह एक संवैधानिक शिष्टाचार है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। अगर राज्यपाल इच्छुक हैं तो वह विधानसभा में आकर शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कर सकते हैं। हम सभी व्यवस्था करेंगे। हमें कोई समस्या नहीं है। लेकिन गतिरोध नहीं होना चाहिए।'
इससे पहले राजभवन की ओर से कहा गया था कि शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में बोस के सामने होना चाहिए। सायंतिका बंदोपाध्याय और रायत हुसैन सरकार क्रमश: कोलकाता के समीप बारानगर और मुर्शीदाबाद जिले के भागाबंगोला निर्वाचन क्षेत्रों से निर्वाचित हुए हैं। संवैधानिक मानदंडों के अनुसार, राज्यपाल किसी विधायक को शपथ दिला सकते हैं, लेकिन परंपरागत रूप से उपचुनाव के मामले में वह विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को शपथ दिलवाने का कार्य सौंपते हैं।
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