West Bengal: ममता के करीबी कुणाल घोष छोड़ देंगे टीएमसी? जानें क्या है नाराजगी और नाराजगी की वजह
Kunal Ghosh News: लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। दीदी के करीबी माने जाने वाले कुणाल घोष ने शायद पार्टी से अलग होने का मन बना लिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से अपनी तृणमूल कांग्रेस की पहचान हटा दी है।
कुणाल घोष ने अपनाए बागी तेवर।
TMC Internal War: टीएमसी नेता कुणाल घोष ने अगर चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया, तो ममता बनर्जी के लिए ये एक बड़ा झटका होगा। लोकसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी दिग्गज और पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इसी बीच ममता बनर्जी की पार्टी में अंदरूनी घमासान छिड़ गया है, जहां उनके करीबी नेता कुणाल घोष ही नाराज नजर आ रहे हैं। संभावित विद्रोह की अटकलों को हवा देते हुए, पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से अपनी तृणमूल कांग्रेस की पहचान हटा दी और नेतृत्व के एक वर्ग पर स्वार्थी रूप से गुटबाजी में शामिल होने का भी आरोप लगाया।
दीदी को तगड़ा झटका देने वाले हैं कुणाल घोष!
पार्टी प्रवक्ता होने के अलावा घोष तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल के महासचिव भी हैं। एक्स पर अपने नए बायो में घोष ने खुद को सिर्फ एक पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है और अपनी पार्टी के सभी संदर्भ हटा दिए हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर किसी विशेष का नाम लिए बिना, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के एक वर्ग को दोषी ठहराते हुए एक पोस्ट भी डाला।
कुणाल घोष ने एक्स पर पोस्ट किया, 'नेता अक्षम, स्वार्थी, गुटबाजी में लिप्त है और अनैतिकता का सहारा ले रहे हैं। ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के प्रति आम तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं के कारण चुनाव जीतने के बाद वह फिर से अपना स्वार्थ साधने में लग जाएंगे। ऐसा बार-बार नहीं हो सकता।'
क्या नाराज है कुणाल घोष, क्या है असल माजरा?
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कुणाल घोष ने इशारों-इशारों में उत्तरी कोलकाता के नेताओं और उनकी राजनीति पर निशाना साधा। बताया जा रहा है कि जिस नेता की बात कुणाल घोष कर रहे थे, वो तृणमूल सांसद सुदीप बनर्जी थे। घोष और बनर्जी के रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं, जानकारी के मुताबित 10 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होने वाली 'जन गर्जना सभा' को लेकर सुदीप बनर्जी ने गुरुवार रात बैठक बुलाई। इस बैठक में कुणाल घोष को निमंत्रण नहीं मिला, उनकी नाराजगी की वजह यही मानी जा रही है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि संभवत: घोष का निशाना उत्तरी कोलकाता का एक प्रभावशाली नेता है, जिनसे उनकी काफी समय से अनबन चल रही है। अपने सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल में बदलाव करने के बाद, घोष मीडिया का कोई कॉल नहीं उठा रहे हैं। हाल ही में, घोष यह दावा करने के लिए खबरों में थे कि राज्य सरकार और पुलिस की ओर से कुछ प्रशासनिक कार्रवाइयां पार्टी प्रवक्ता के रूप में उनके काम को कठिन बना रही हैं। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के एक वर्ग के साथ अत्यधिक तनाव के बीच, घोष ने कभी भी अपने सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल से अपनी राजनीतिक पहचान नहीं हटाई थी।
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