WFI उत्पीड़न विवादः चौतरफा घिरे बृजभूषण शरण सिंह! देंगे इस्तीफा? विपक्ष ने घेरा- PM, BJP नेत्रियों क्यों हैं चुप

कुश्ती संघ के खिलाफ महिला खिलाड़ियों के विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस और विपक्षी दल भी कूद पड़े हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" का नारा याद दिलाया है। साथ ही कुश्ती संघ को बर्खास्त करने की मांग के साथ सीबीआई जांच कराने के लिए कहा है।

भारतीय कुश्ती संघ (डबल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर महिला कुश्ती पदकवीर और खिलाड़ी फिलहाल धरनारत हैं। ऐसे में यह मामला और गर्मा गया है और सवाल उठने लगा है कि चौतरफा घिरे सिंह की क्या कुर्सी चली जाएगी? इस बीच, यह मामला सियासी रंग लेता दिख रहा है। महिला खिलाड़ियों के समर्थन में देश की विपक्षी पार्टियां भी अब कूद गई हैं। कांग्रेस पार्टी ने इसे मुद्दा बनाया और मामले पर अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट को निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है। पार्टी ने प्रधानमंत्री और खेल मंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।
महिला कुश्ती खिलाड़ियों का आरोप है कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष और मुख्य कोच के द्वारा मानसिक और शारीरिक शोषण किया जा रहा है। इस बाबत कुछ समय पहले इन खिलाड़ियों ने गृह मंत्री से शिकायत भी की थी। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो अब ये खिलाड़ी जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए। इन खिलाड़ियों के समर्थन में अब कई पुरुष खिलाड़ी भी सामने आ गए।
वहीं, कुश्ती संघ के अध्यक्ष का कहना है कि अगर उनके खिलाफ दोष साबित हो जाए तो वो फांसी पर चढ़ने को तैयार हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने मध्यस्ता की पहल की है। साथ ही सरकार ने अपनी तरफ से 72 घंटे के अंदर खिलाड़ियों की शिकायत पर जांच कराने की बात कही है। खेल मंत्रालय तीन सदस्यीय जांच कमेटी, जिसमें दो महिला सदस्य के जरिए जांच करा रही है।
खेल मंत्रालय की जांच की पहल से न खिलाड़ी संतुष्ट हैं और न ही देश की विपक्षी पार्टियां। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि यह बड़ा कांड है। इसकी निष्पक्ष जांच सरकारी समिति से नहीं हो सकती। कांग्रेस की तरफ से गुरुवार को सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मांग की कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मॉनिटोर्ड सीबीआई जांच होनी चाहिए। हमारी मांग है कि खिलाड़ियों के मान सम्मान की रक्षा के लिए कुश्ती संघ को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। कल का दिन खेल जगत के इतिहास में काले दिन के रूप में याद रखा जाएगा। ये मामला छोटा नहीं इससे ज्यादा संकट देश के इतिहास में नहीं हुआ।
कांग्रेस की वरिष्ठ महिला नेता कुमारी शैलजा ने कहा कि इस सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा खोखला साबित हुआ है। बीजेपी की महिला नेत्रियों क्यों चुप हैं? सरकार कार्रवाई की जगह राजीनामा कराने की बात कर रही है। ये क्या गांव की पंचायत का मामला है?...यह गंभीर आरोप है। प्रधानमंत्री को खुद सामने आना चाहिए। देश की बेटियों को इंसाफ चाहिए। चाहे कोई कितना बड़ा आदमी क्यों न हो? उसके खिलाफ कारवाई होनी चाहिए। मध्यस्थता किस बात की? हमे उम्मीद थी कि पीएम कहते कि वह खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी नहीं होने देंगे।
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रंजीता झा author

13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें

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