WFI के निलंबन पर आई संजय सिंह की पहली प्रतिक्रिया, बताया क्या होगा अगला कदम
WFI Suspended : भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नवनिर्वाचित संस्था को खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित किए जाने के बाद डब्ल्यूएफआई प्रमुख संजय कुमार सिंह ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर निलंबन नहीं हटाया जाता है, तो हम इसे चुनौती देने के लिए कानूनी विकल्प तलाश सकते हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबन पर क्या बोले संजय सिंह?
Sanjay Singh On WFI Suspension: पिछले 11 महीनों से विवादों से घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नवनिर्वाचित संस्था को खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित किये जाने के बाद संजय सिंह का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि वो सरकार से इस निलंबन को रद्द करने की मांग करेंगे। इस दौरान उन्होंने साक्षी मलिक और बृजभूषण शरण सिंह पर भी प्रतिक्रिया दी।
कानूनी विकल्प तलाश सकते हैं संजय सिंह
डब्ल्यूएफआई प्रमुख संजय सिंह ने कहा कि हमने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है, हम सरकार से डब्ल्यूएफआई के निलंबन को रद्द करने की मांग करेंगे। अगर निलंबन नहीं हटाया जाता है, तो हम इसे चुनौती देने के लिए कानूनी विकल्प तलाश सकते हैं।
साक्षी और बृजभूषण पर क्या बोले संजय
केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने पर संजय सिंह (जिन्हें डब्ल्यूएफआई का नया अध्यक्ष चुना गया) ने कहा कि, 'जब नया महासंघ बना था तो उन्हें (बृजभूषण सिंह को) विदा कर दिया गया था और आज उन्हें बताया कि वह कुश्ती से संन्यास ले चुके हैं, साक्षी मलिक भी संन्यास ले चुकी हैं। दोनों ने जब संन्यास ले लिया है, तो इसलिए अब दोनों को फेडरेशन को शांति से चलने देना चाहिए।'
संजय सिंह ने बृजभूषण शरण सिंह से अपने रिश्ते को लेकर कहा है कि 'वह (बृजभूषण सिंह) और मैं अलग-अलग समुदाय से हैं तो हम कैसे हो सकते हैं रिश्तेदार? जब वह फेडरेशन के अध्यक्ष थे, मैं संयुक्त सचिव था। एक अध्यक्ष और संयुक्त सचिव के बीच रिश्ता रहता है या नहीं रहता है? उनसे दोस्ती और बातचीत का रिश्ता था।'
खेल मंत्रालय ने WFI को क्यों किया निलंबित?
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को खेल मंत्रालय ने अगले आदेश तक निलंबित कर दिया क्योंकि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी। मंत्रालय ने साथ ही कहा कि नई संस्था ‘पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण’ में काम कर रही थी जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है। बता दें, डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे जिसमें पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।
खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ से भारतीय कुश्ती महासंघ के मामलों के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए तदर्थ समिति के गठन का आग्रह किया है। वहीं डब्ल्यूएफआई के निलंबन के बाद बजरंग पूनिया ने कहा, मैं पद्मश्री पुरस्कार वापस नहीं लूंगा, न्याय मिलने के बाद ही मैं इसके बारे में सोचूंगा। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी पुरस्कार हमारी बहनों और बहनों के सम्मान से बड़ा नहीं है, हमें सबसे पहले न्याय मिलना चाहिए।
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