WFI Suspension: क्या सचमुच बृजभूषण का कुश्ती से कोई लेना देना नहीं? समझिए बयान के मायने

WFI News Today: बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि वो अब कुश्ती से नाता तोड़ चुके हैं। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित किए जाने पर पूर्व WFI प्रमुख बृजभूषण ने कहा कि संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस खेल की राजनीति से दूर रहूंगा।

Brij Bhushan Sharan Singh on WFI Suspension

WFI के निलंबन पर क्या बोले बृजभूषण शरण सिंह?

Brij Bhushan Sharan Singh on WFI Suspension: केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित किए जाने पर पूर्व WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि कुश्ती को लेकर जो कुछ भी करना होगा वह नई संस्था करेगी। मेरा इससे कोई लेना देना नहीं। भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद बृजभूषण ने कहा कि इस खेल की राजनीति से दूर रहूंगा।

WFI के निलंबन पर क्या बोले बृजभूषण?

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, 'संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। संजय सिंह भूमिहार हैं और मैं राजपूत हूं। हम दोनों स‍िर्फ एक अच्छे दोस्त हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव हुए हैं, मैनें कुश्ती से संन्यास ले लिया है। नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 नेशनल आयोजित करने की घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि खेल आयोजन फिर से शुरू हों।'

'इस खेल की राजनीति से दूर रहूंगा' के मायने

एक ओर खेल मंत्रालय ने अपने बयान में ये कहा कि 'नई संस्था 'पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण' में काम कर रही थी'। दूसरी ओर बृजभूषण शरण सिंह ने जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद कहा है कि इस खेल की राजनीति से दूर रहूंगा। वो ये दलील दे रहे हैं कि मेरा अब कुश्ती से कोई लेना देना नहीं है। उनका ये बयान कितना सच्चा है? क्योंकि अगर उनका कुश्ती से कोई लेना देना नहीं होता तो भला खेल मंत्रालय की ओर से ये बयान क्यों आता कि नई संस्था पूर्व पदाधिकारियों के पूरी तरह नियंत्रण में काम कर रही थी।
मंत्रालय की ओर से ये बोला गया कि 'नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया। महासंघ अगले आदेश तक निलंबित रहेगा। डब्ल्यूएफआई कुश्ती के दैनिक कामकाम को नहीं देखेगा। उन्हें उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है। नई संस्था ‘पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण’ में काम कर रही थी जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है।' खैर अब बृजभूषण अगर ये कह रहे हैं कि उनका अब इस खेल से कोई लेना देना नहीं है तो शायद वो इस बात को बेहतर समझते होंगे, क्योंकि हर कोई ये बात जानता है कि संजय सिंह और बृजभूषण शरण सिंह के बीच कितनी करीबी है।

लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे बृजभूषण

डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को कहा कि उनका अब इस खेल से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि उनके पास कई अन्य जिम्मेदारियां हैं जिनमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव भी शामिल हैं। बृजभूषण ने भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद यह टिप्पणी की। बृजभूषण ने आगे कहा, 'भारत में कुश्ती के संबंध में जो कुछ भी करना है वह निर्वाचित संस्था करेगी। मेरा अब इस खेल से कोई लेना-देना नहीं है। मेरी अन्य जिम्मेदारियां भी हैं, जिन पर मुझे ध्यान देना है। मैं अब इस खेल की राजनीति से दूर रहूंगा।' बृजभूषण उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा के मौजूदा सांसद हैं।

महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप

बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित देश के चोटी के पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था। बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई के चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद बजरंग ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को वापस लौटा दिया था। इससे पहले गुरुवार को साक्षी मलिक ने इसी कारण से कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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