कौन हैं हिमालय के प्रहरी, जिनकी मोदी सरकार बढ़ाएगी ताकत, ड्रैगन के मंसूबे होंगे नाकाम

ITBP And India-China Border: ITBP की स्थापना 24 अक्टूबर, 1962 को हुई थी। उसके पास लद्दाख के काराकोरम दर्रे से लेकर अरुणाचल प्रदेश के जाचेप ला तक 3,488 किमी लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।

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सीमा पर तैनात जवान

ITBP And India-China Border:चीन पर नकेल कसने के लिए, बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने एक अहम फैसला किया है। इसके तहत भारत-चीन सीमा पर तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)की सात नई बटालियन और एक रीजनल हेडक्वार्टर के गठन को बुधवार को मंजूरी दी गई है। भारत सरकार का यह फैसला सीमा पार चीन की हरकतों पर नजर रखने में न केवल मदद करेगा बल्कि उसकी किसी नापाक हरकत को रोकने में ITBP को सक्षम करेगा। 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के समय ITBP का गठन किया गया था। और उसे भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी सीमा की पहरेदारी की जिम्मेदारी दी गई।
-45 डिग्री तक के तापमान में सुरक्षा करते हैं जवान
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) बल की स्थापना 24 अक्टूबर, 1962 को हुई थी। उसके पास लद्दाख के काराकोरम दर्रे से लेकर अरुणाचल प्रदेश के जाचेप ला तक 3,488 किमी लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। इसके अलावा बल नक्सलवाद से निपटने के लिए जरुरत के अनुसार भारत के आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारियां भी निभाता है।
बल की अधिकांश सीमा चौकियां 9,000 फीट से 18,800 फीट तक की ऊंचाइयों पर स्थित हैं। जहां तापमान शून्‍य से - 45 डिग्री सेल्शियस तक नीचे चला जाता है। साल 2004 में 'वन बॉर्डर वन फोर्स' पर GOM की सिफारिशों के आधार पर असम राइफल्स को आईटीबीपी में मिला दिया गया। इसके तहत अरूणाचल और सिक्किम सीमा की भी जिम्मेदारी ITBP के पास आ गई। आईटीबीपी हिमालय क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के लिए 'फर्स्‍ट रेस्‍पोंडर' के रूप में राहत व बचाव अभियानों का संचालन भी करती है।
88,500 जवान
आईटीबीपी की वेबसाइट के अनुसार, ITBP के पास वर्तमान में 56 सेवा बटालियन, 4 स्पेशल बटालियन, 17 प्रशिक्षण केंद्र और सात रसद प्रतिष्ठान हैं। जिसके तहत कुल 88,500 जवान है। नए फैसले के तहत जहां 7 नई बटालियन बनाई जाएंगी। वही 9 हजार से ज्यादा जवानों की भर्ती भी की जाएगी। उसका मुख्य काम भारत की सीमाओं की सुरक्षा करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देना। इसके अलावा सीमा पार अपराधों, तस्करी, अनधिकृत प्रवेश या और कोई अन्य अवैध गतिविधि को रोकना है। साथ ही संवेदनशील प्रतिष्ठानों, बैंकों, सुरक्षा जोखिम वाले व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करना है। और जरूरत पड़ने पर किसी भी क्षेत्र में अशांति की स्थिति में व्यवस्था को बहाल करना उसे संरक्षित करना है।
शौर्य-दृढंता-कर्मनिष्ठा, ध्येय वाक्य
ITBP को अब तक सात पद्मश्री, 2 कीर्ति चक्र, 6 शौर्य चक्र, एक सेना पदक, वीरता के लिए 19 राष्ट्रपति पुलिस पदक, शौर्य के लिए 131 पुलिस पदक, 93 पराक्रम पदक सहित अहम पुरस्कार मिले हैं।
-1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान आईटीबीपी की 2 बटालियन पश्चिमी मोर्चे पर तैनात की गई थीं।
-नई दिल्ली में आयोजित 9वें एशियाई खेलों में सुरक्षा की विशेष जिम्मेदारी संभाली थी।
-कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग-1983 के दौरान एंटी-टेररिस्ट सिक्योरिटी ड्यूटी
- गुटनिरपेक्ष आंदोलन-1983 के दौरान सुरक्षा के कार्य भी आईटीबीपी ने संभाले थे
-साल 1987 में पंजाब में जब आतंकवाद चरम पर था, उस वक्त आतंकियों द्वारा की जार रही बैंक डकैतियों को रोकने के लिए तैनात किया गया था।
- इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद को रोकने के लिए भी जवान तैनात किए जा चुके हैं।
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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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