ये कैसा मौत का जश्न! शराब मीट गाजे बाजे के साथ होता है अंतिम संस्कार, देखें ये Video

Sathiya Community Jhalawar Rajasthan: राजस्थान के झालावाड़ में सठिया जाति के लोगों में मौत पर विलाप नहीं किया जाता है बल्कि खुशी में शराब पीना, मीट बनाना ,गाने बाजे ढोल बजाते हैं यानी मौत को सेलिब्रेट करते हैं।

Death Celebration in Rajasthan: आस्था यह कि मनुष्य रूपी योनि से मिलती है मुक्ति जादू नाम के 30 साल के इस युवक की अधिक शराब पीने से मौत हो गई थी जिसकी चिता जलाई जा रही थी और परिजन रिश्तेदार यहां बैठकर मौत का जश्न मना रहे थे और जश्न भी खास तरीके से मनाया जा रहा है इसको देखकर आप चौंक जायेगे इसके पहले न कभी किसी ने यह नजारा देखा न सुना होगा
किसी हाथों में महंगी शराब की बोतलें है तो किसी के हाथों में गिलास हैं शराब भरी जा रही है जिसने शराब पी ली फिर भी ओर पिलाई जा रही है जश्न
इस परिवार ने अपना बेटा खोया है और बेटे के खोने के गम नही है बल्कि खुशी है।
खुशी में शराब पीना, मीट बनाना,गाने बाजे ढोल बजाना
इस खुशी में शराब पीना, मीट बनाना ,गाने बाजे ढोल बजा रहे है ताकि इस योनि से मरने वालो को आजादी मिली सके परम्परा है बरसो पुरानी साठिया जाती की मौत के बाद यहां जश्न होता है।
ढोल नगाड़ों के साथ शव को दाह संस्कार के लिए ले जाया जाता है
ढोल नगाड़ों के साथ शव को बाजारों से होता हुआ दाह संस्कार के लिए ले जाया जाता है इस दौरान जमकर नाच गाने, शराब की बोतलें हाथो में लिए जमकर झूमते है और जश्न मनाते है और भगवान से दुआ मांगते है उनको अगले जन्म में मनुष्य रूपी योनि में पैदा न करे, साठिया जाती के लोगों का मुख्य धंधा मृत जानवरों की खाल निकालकर बेचने और हड्डियों को बेचने का होता है।
इनको मृत जानवरों का मांस खाने से भी गुरेज नहीं
इस समाज के लोग शहर के बाहर इनकी बनाई हुई टापरियों में रहते है इनको मृत जानवरों का मांस खाने से भी गुरेज नहीं होता है इनके कबीले होते है और झालावाड़ जिले सहित कई शहरों में इनके कबीले हैं।
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Bhanwar Pushpendra author

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