Tawang Standoff : तवांग में चीन से भिड़त पर क्या बोले रक्षा विशेषज्ञ, जानें किस बात को लेकर किया आगाह

Tawang Standoff : अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन की सेना PLA के साथ हुई झड़प पर रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रि.) केके सिन्हा ने कहा कि चीन के साथ हुई इस बार की झड़प को हमें बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चीन की हरकतों पर भारत को पूरी तरह से सतर्क रहने की जरूरत है।

मुख्य बातें
  • अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन ने एक बार फिर अपनी नापाक सोच दिखाई
  • गत नौ दिसंबर को चीनी सेना PLA एलएसी के पास भारतीय दावे वाले इलाके में आई
  • भारतीय जवानों ने शौर्य, पराक्रम का दिया परिचय, चीनी सेना को भारी क्षति पहुंचाई

Tawang Standoff : अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में गत नौ दिसंबर को चीनी सेना के साथ भारतीय जवानों की हुई झड़प पर रक्षा विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रि.) केके सिन्हा ने कहा कि चीन के साथ हुई इस बार की झड़प को हमें बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है। टाइम्स नाउ नवभारत के साथ बातचीत में रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि तवांग के जिस इलाके में पीएलए के साथ झड़प हुई है वह बहुत ही संवेदनशील इलाका है। दोनों पक्षों में यह झड़प तवांग से करीब 35 किलोमीटर दूर एलएसी पर यांग्त्से के पास हुआ है। इस इलाके में भारत का दबदबा रहा है।

चीन की हर चाल पर सतर्क रहने की जरूरत

उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के बाद चीन नया मोर्चा खोलने की ताक में है। यह दिसंबर का महीना है, इलाके में बर्फबारी होगी। चीन की हरकतों के बारे में आगाह करते हुए रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि यह बर्फ मार्च-अप्रैल तक पिघलेगी। वह हालात एवं मौसम का फायदा उठाना चाहता है। उसकी हर एक चाल पर हमें सतर्क रहने की जरूरत है।

एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई

भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’ पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील सेक्टर में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई। कांग्रेस के कई सांसदों ने चीन के साथ लगती सीमा पर हालात को लेकर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग करते हुए मंगलवार को कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे।

दो साल पहले गलवान घाटी में हुआ था संघर्ष

इससे पहले 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों एवं चीनी सेना के बीच खूनी झड़प हुई थी। इस संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। जबकि चीन की तरफ 38 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की बात कही जाती है। पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग, गोगरा जैसी जगहों पर अभी भी पूरी तरह से गतिरोध समाप्त नहीं हुआ है। हालांकि, कमांडर स्तर की वार्ता के बाद दोनों देश पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले कई स्थानों से अपने सैनिकों को पीछे हटाए है।

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