अरविंद केजरीवाल की अपील पर क्या बोले CJI चंद्रचूड़? जानें सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका से जुड़ी 5 अहम बातें
Delhi News: अरविंद केजरीवाल ने याचिका में अपनी गिरफ्तारी को ‘लोकतंत्र के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला' करार दिया है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह केजरीवाल की ओर से उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने पर विचार करेंगे।
केजरीवाल की याचिका पर बोले सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़।
CJI On CM Kejriwal's Petition: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी याचिका में आम चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में अपनी गिरफ्तारी को ‘लोकतंत्र के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला’ बताया है। केजरीवाल ने शीर्ष अदालत से उनके खिलाफ मामले को ‘‘अवैध’’ घोषित करते हुए उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया है।
केजरीवाल के वकील को CJI ने ईमेल भेजने को कहा
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि वह केजरीवाल की ओर से उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने संबंधी अनुरोध पर विचार करेंगे। प्रधान न्यायाधीश ने केजरीवाल के वकील को ईमेल भेजने को कहा।
हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी केजरीवाल की याचिका
लोकसभा चुनाव से पहले केजरीवाल को झटका देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी उस याचिका को नौ अप्रैल को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा था कि बार-बार समन भेजने के बावजूद केजरीवाल के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं होने और जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद जांच एजेंसी पास कोई खास विकल्प नहीं बचा था।
सीएम केजरीवाल ने याचिका में कही ये 5 अहम बातें
1). शीर्ष अदालत में दायर याचिका में केजरीवाल ने कहा है कि आम चुनाव की घोषणा के बाद 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी स्पष्ट रूप से दुर्भावना से प्रेरित है।
2). याचिका में कहा गया, ‘इस अदालत के हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी लोकतंत्र, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और संघवाद के सिद्धांतों पर एक अभूतपूर्व हमला है, जो संविधान के बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण घटक हैं।’
3). याचिका में कहा गया कि गिरफ्तारी केवल उन सह-आरोपियों के विरोधाभासी और अत्यधिक देर से दिए गए बयानों के आधार पर की गई, जो अब सरकारी गवाह बन गए हैं।
4). याचिका में कहा गया है कि इसके अलावा, ऐसे बयान और सामग्री पिछले नौ महीनों से प्रवर्तन निदेशालय के पास थे, फिर भी आम चुनाव 2024 के बीच में अवैध रूप से गिरफ्तारी की गई।
5). याचिका में केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए तुरंत रिहा किए जाने का अनुरोध किया है।
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