सवाल के बदले पैसे और महुआ मोइत्रा के साथ संबंधों पर क्या बोले दर्शन हीरानंदानी, देखिए टाइम्स नाउ नवभारत पर Exclusive Interview

टाइम्स नाऊ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, हीरानंदानी ने कई दावे किए। हीरानंदानी ने कहा कि महुआ उनकी दोस्त रही हैं।

टाइम्स नाउ नवभारत के साथ एक्सक्लूसिव बात करते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा खिलाफ हलफनामा देने वाले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उन्होंने सवालों के बदले पैसे और महुआ के साथ अपने संबंधों को लेकर खुलकर बात की।

हलफनामे की कहानी

टाइम्स नाऊ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, हीरानंदानी ने कई दावे किए। हीरानंदानी ने कहा कि महुआ उनकी दोस्त रही हैं। वहीं हलफनामे को लेकर उन्होंने कहा- "ये एफिडेविट मेरे द्वारा स्वेच्छा से साइन किया गया। किसी डर या पक्षपात में नहीं हुआ। इसका प्रमाण ये है कि मैंने इसे दुबई के इंडियन कॉन्सोलेट से नोटराइज करवाया। इसे मेरे बयान के आधार पर मेरे वकीलों ने ड्राफ्ट किया। क्योंकि मैं दुबई में हूं इसलिए मैंने इसे दुबई के इंडियन कॉन्सोलेट में नोटराइज करवाया। फिर मैंने इसे लोकसभा की प्रिविलेज कमेटी को भेजा। एक कॉपी CBI को भेजी और एक कॉपी निशिकांत दुबे को ई मेल के जरिए भेजी। जो भी हुआ वो मेरे एफिडेविट में है।"

मामले पर क्या बोले हीरानंदानी

आगे जब नाविका कुमार ने पूछा कि 16 अक्टूबर को हीरानंदानी ग्रुप ने एक मीडिया स्टेटमेंट जारी किया, जिसमें कहा गया कि जय अनंत देहद्राई द्वारा आप पर सीधे तौर पर लगाए आरोप बेबुनियाद हैं। इसके तीन दिन बाद, 19 अक्टूबर को आपका एफिडेविट आया। आपने अपनी पिछली पोजिशन क्यों छोड़ी और क्या इसका ये मतलब है कि जय अनंत देहद्राई द्वारा लगाए गए आरोप, सही हैं? इस पर दर्शन हीरानंदानी ने कहा- "मेरा शपथयुक्त एफिडेविट इस मामले में मेरी व्यक्तिगत भागीदारी को लेकर है। जहां तक उसकी बात है मेरे पास इसके आगे कहने के लिए कुछ नहीं है। पर सच्चाई ये है कि एडवोकेट देहद्राई की कंप्लेन के बाद ये मामला सुर्खियों में आया और फिर ये एक पॉलिटिकल कंट्रोवर्सी बना, जब एथिक्स कमेटी ने इस मामले को आधिकारिक रूप से जांच के लिए लिया। क्योंकि इसमें मेरा नाम डायरेक्टली आया था, तो ये मेरा दायित्व था एक जिम्मेदार नागरिक के नाते कि सारे फैक्ट जनता के सामने जस के तस सामने आएं।"

अडानी मामले पर क्या बोले

आगे जब उनसे सीधा सवाल पूछा गया कि क्या महुआ मोइत्रा गौतम अडानी को टारगेट कर रही थीं? और क्या ये सीधे-सीधे पीएम की इमेज खराब करने की कोशिश थी, क्योंकि दोनों एक ही राज्य से आते हैं? क्या ये सच है कि 52 से 41 सवाल किसी खास वजह से अडानी को टारगेट करने के लिए थे? इस पर हीरानंदानी ने कहा- "मैं इसपर अपने एफिडेविड में जो कहा गया है उसपर तटस्थ हूं। पर मैं आपको ये कह सकता हूं कि उन्हें ये लगा कि मिस्टर अडानी को टारगेट करके वो पीएम को टारगेट कर सकती हैं। और ये अनुमान लगाया जा सकता है कि क्योंकि दोनों एक ही राज्य के हैं, इसलिए ऐसा किया गया।"

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