जो मोदी काल में हुआ, पहले क्यों नहीं हुआ, क्या सचमुच देश में मुसलमान के लिए जगह नहीं?

Rashtravad : प्रधानमंत्री मोदी महाकाल लोक के पहले फेज का उद्धाटन किया तो दूसरी तरफ ज्ञानवापी मामले पर फैसले से पहले ही देश में मुसलमानों के तथाकथित रहनुमा देश के अदालत पर ही सवाल उठा रहे हैं। क्या सचमुच देश में मुसलमान के लिए जगह नहीं?

Rashtravad : एक तरफ प्रधानमंत्री हिंदू गौरव को फिर से स्थापित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी महाकाल लोक के पहले फेज का उद्धाटन किया तो दूसरी तरफ ज्ञानवापी मामले पर फैसले से पहले ही देश में मुसलमानों के तथाकथित रहनुमा देश के अदालत पर ही सवाल उठा रहे हैं। मुसलमानों को लेकर कोर्ट पर विवादित टिप्पणी कर रहे हैं। पहले बात करते हैं महाकाल के महाभक्त मोदी के महासंकल्प की, हिंदू गौरव के लिए आज का दिन बेहद खास है। प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का उद्धाटन किया है। इस कॉरिडोर का उद्धाटन से पहले प्रधानमंत्री मोदी महाकाल की पूजा अर्चना की।
महाकाल लोक के पहले फेस का काम पूरा होने के बाद इसका नया रूप काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से करीब 4 गुना बड़ा हो चुका है। कॉरिडोर तैयार करने में पौराणिक मान्यताओं का पूरा ख्याल रखा गया है। महाकाल लोक में भगवान भोले नाथ से जुड़ी अनंत कथाएं हैं। भक्तों को हर कदम पर शिव से जुड़ी अलग-अलग जानकारियां मिलती रहेंगी। आज महाकाल लोक के उद्धाटन पर हमारी बड़ी कवरेज लगातार जारी है। महाकाल से हर तस्वीर आप तक हम पहुंचाएंगे।
एक तरफ आज महाकाल में कॉरिडोर का उद्धाटन हो रहा है तो दूसरी तरफ काशी में ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में चल रहा है। ज्ञानवापी मुद्दे पर आज भी सुनवाई हुई। हालांकि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को लेकर 14 अक्टूबर तक फैसला टल गया है लेकिन कोर्ट में सुनवाई से पहले ही मुस्लिम पक्ष के वकील ने ना सिर्फ कोर्ट पर सवाल उठाए बल्कि विवादित टिप्पणी कर दी। अंजुमन इंतजामिया कमेटी के ज्वाइंट सेकेट्री एस एम यासीन को अब कोर्ट पर भी भरोसा नहीं है। एसएम यासीन का आरोप है कि कोर्ट उनकी दलीलें सुनने को तैयार नहीं है। एस एम यासीन ने यहां तक कह दिया कि अगर कोर्ट का बस चले तो वो कह दे कि हिंदुस्तान में मुसलमानों के रहने की जगह नहीं है।
क्या सचमुद देश में मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं है जैसा एस एम यासीन कह रहे हैं या फिर ज्ञानवापी केस में एस एम यासीन को हार नजर आ रही है तो इस तरह का बयान देकर वो मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे हैं। अगर कोर्ट पर भरोसा नहीं, सरकार पर भरोसा नहीं, संविधान पर भरोसा नहीं तो फिर किस पर भरोसा है। क्या देश शरिया से चलेगा?
ऐसे में आज के सवाल
मोदी के 8 साल....सनातन संस्कृति का पुर्नजागरण काल ?
जो मोदी काल में हुआ...पहले क्यों नहीं हुआ ?
क्या सचमुच देश में मुसलमान के लिए जगह नहीं?
फैसले से पहले ही कोर्ट पर विवादित टिप्पणी क्यों ?
कोर्ट पर भरोसा नहीं तो फिर किस पर भरोसा ?
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