Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी सर्वे में अब तक क्या मिला? पुराने कौन से सबूत मिटाए गए? जान लें ये सबकुछ
Gyanvapi Survey:कोर्ट ने ज्ञानवापी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की इजाजत दे दी है वहीं ज्ञानवापी में सर्वे के बाद हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में हिंदू प्रतीक चिह्न और देवताओं की खंडित मूर्तियां मिली हैं।
कोर्ट ने ज्ञानवापी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की इजाजत दे दी है
Gyanvapi Survey Latest News: वाराणसी ज्ञानवापी मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है, कोर्ट ने ज्ञानवापी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की इजाजत दे दी है। कोर्ट के फैसले के मुताबिक हिंदू पक्ष व्यास जी के तहखाने में पूजा कर सकेगा बता दें कि 1993 से व्यास जी के तहखाने में पूजा बंद थी, गौर हो कि ज्ञानवापी में सर्वे के बाद हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में हिंदू प्रतीक चिह्न और देवताओं की खंडित मूर्तियां मिली हैं।
गौर हो कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (ASI) ने 839 पेज की साइंटिफिक सर्वे रिपोर्ट तैयार की थी यह रिपोर्ट अदालत में पेश की गई और इसके बाद हिंदू और मुसलमान, दोनों पक्षों के साथ शेयर की गई थी, ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कहा था कि वहां पहले एक हिंदू मंदिर था और मंदिर को तोड़कर ही मस्जिद का निर्माण किया गया है।
Gyanvapi Case-ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा करने की इजाजत मिली, वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला
एक ढीले पत्थर का जिक्र रिपोर्ट में
रिपोर्ट में एक ढीले पत्थर का जिक्र रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके रिकॉर्ड्स में भी इस पत्थर की बात दर्ज है, इस पत्थर पर लिखा गया था कि इस मस्जिद का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब के काल में 1676 से 1677 के बीच हुआ वहीं पत्थर पर यह भी खुदा था कि मस्जिद के साहन (आंगन) की मरम्मत 1792-1793 के बीच हुई।
ज्ञानवापी के अंदर सर्वे में पाया गया कि उसके अंदर वास्तु शिल्प, दीवारों पर सांचे, रथ, पश्चिमी दीवार पर तोरण के साथ एक बड़ा प्रवेश द्वार, ललाट बिंब पर तस्वीर वाला एक छोटा प्रवेश द्वार आदि है।
मरम्मत से जुड़ी तारीख जैसी चीजें
एएसआई के मुताबिक ताजा सर्वे में उन्होंने पाया कि उस पत्थर से मस्जिद के निर्माण और इसके मरम्मत से जुड़ी तारीख जैसी चीजें जबरन खरोंच कर मिटाई गईं वहीं 1965 की तस्वीरों में सब साफ-साफ दिख रहा था।
ये है ज्ञानवापी केस का इतिहास
ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी हुई है, दावा किया जाता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया गया था, हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे 100 फीट ऊंचा विशेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। दावा यह भी है कि काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण 2050 साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने करवाया था। राजा टोडरमल ने 1585 में काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। 18 अप्रैल 1669 में औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त करवाकर इसकी जगह मस्जिद बनवाई थी।
1993 से व्यास जी के तहखाने में पूजा बंद थी
गौर हो कि 1993 से व्यास जी के तहखाने में पूजा बंद थी। तहखाने में पूजा-पाठ काशी विश्वनाथ ट्रस्ट कराएगा। पूजा-पाठ के लिए गुरुवार को पुजारी की नियुक्ति की जाएगी। हिंदू पक्षकार सोहनलाल ने कहा कि यह बहुत बड़ी जीत है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि 'व्यास जी के तहखाने में 7 दिन के अंदर पूजा शुरू हो जाएगी, यह हमारी बहुत बड़ी जीत है।'
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