क्या होता है एक्ट ऑफ गॉड,जिसका कंपनियां लेती हैं हादसे में सहारा,याद है अक्षय की वो फिल्म
Morbi Cable Bridge and Act of God: कानूनी तौर पर एक्ट ऑफ गॉड फोर्स मैज्योर क्लॉज (FMC) के तौर भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दोनों तरफ की पार्टियां अपने दायित्व से मुक्त हो जाती हैं। क्योंकि यह स्थिति किसी के वश में नहीं होती है।
मोरबी हादसे पर ओरेवा कंपनी के मैनेजर का शर्मनाक बयान
मुख्य बातें
- ओरेवा कंपनी के मैनेजर ने मोरबी केबल ब्रिज हादसे को 'ईश्वर का कृत्य' पताया है।
- कोरोना संकट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी एक्ट ऑफ गॉड का जिक्र किया था।
- विपक्ष भी मोदी सरकार को मोरबी हादसे पर घेर रहा है।
मैनेजर के बयान से अक्षय कुमार की फिल्म ओ मॉय गॉड की कहानी याद आ जाती है। जिसमें अभिनेता परेश रावल की दुकान भूकंप में तबाह हो जाती है। और उसके बाद इंश्योरेंस कंपनी उन्हें इस घटना को एक्ट ऑफ गॉड यानी भगवान का कृत्य मानकर क्लेम देने से मना कर देती है। कुछ इसी तरह से ओरेवा कंपनी के मैनेजर ने भी ईश्वर को बीच में लाकर, अपनी जिम्मेदारी से हटने की कोशिश की है। ऐसे में सवाल उठता है कि एक्ट ऑफ गॉड क्या होता है, और इससे क्या हासिल होगा।
संबंधित खबरें
क्या होता है एक्ट ऑफ गॉड
कानूनी तौर पर एक्ट ऑफ गॉड फोर्स मैज्योर क्लॉज (FMC) के तौर भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दोनों तरफ की पार्टियां अपने दायित्व से मुक्त हो जाती हैं। क्योंकि यह स्थिति किसी के वश में नहीं होती है। असल में एक्ट ऑफ गॉड एक फ्रेंच टर्म है। इसमें युद्ध, महामारी जैसी आपातकाल परिस्थितियों के साथ प्राकृतिक आपदाओं को भी शामिल किया जाता है। FMC के अलावा व्यापारिक प्रतिबंधों, बॉयकॉट और महामारी जैसी स्थितियों को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके अलावा, इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट 1872 में भी इस तरह का है। कुल मिलाकर कानून की नजर में एक्ट ऑफ गॉड वह स्थिति है जो इंसान के बस के बाहर हो।
किस तरह के होते हैं प्रावधान
किसी विशेष संकट की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस क्लॉज को एग्रीमेंट में रखा जाता है। इस क्लॉज के लागू होते ही एग्रीमेंट करने वाली दोनों पार्टियां सामान्य स्थिति में लागू होने वाले दायित्वों से मुक्त हो जाती हैं। उदाहरण के तौर इंश्योरेंस किसी ऐसे संकट के चलते क्लेम की रकम देने से इनकार कर सकती है।
वित्त मंत्री ने किया था एक्ट ऑफ गॉड
कोरोना संकट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी एक्ट ऑफ गॉड का जिक्र किया था। उन्होंने कोरोना वायरस की वजह से फैली महामारी, लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में निगेटिव ग्रोथ में जाने के वक्त यह बात कही थी। उन्होंन कहा था कि यह एक्ट ऑफ गॉड है। हालांकि एक्ट ऑफ गॉड का मतलब यह कतई नही है कि कोई इंश्योरेंस कंपनी भूकंप, बाढ़, आग लगने आदि प्राकृतिक आपदाओं को एक्ट ऑफ गॉड का क्लॉज लागू कर दे। आम तौर ऐसी परिस्थितियों में ऐसा नहीं किया जाता है। और पीड़ितों को क्लेम मिलता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
प्रशांत श्रीवास्तव author
करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें
End of Article
संबंधित खबरें
दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी 21 सितंबर को लेंगी शपथ, जान लीजिए टाइमिंग
मुश्किल में कंगना रनौत, MP-MLA कोर्ट ने किया तलब; जानें आखिर क्या है सारा माजरा
Jammu-Kashmir: सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़, रियासी में फंसे 2 से 3 आतंकी
जम्मू कश्मीर में BSF जवानों के साथ बड़ा हादसा, बडगाम में खाई में जा गिरी बस, 3 शहीद, 32 घायल
Delhi: पार्षदों को खरीदने की हो रही है कोशिश, AAP ने BJP पर लगाए गंभीर आरोप
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited