क्या है अवैध मनी ट्रांसफर घोटाला? जिसके विरोध में BJP ने बनाया कर्नाटक के CM सिद्धारमैया को घेरने का प्लान
Karnataka News: आखिर अवैध धन अंतरण घोटाला (Illegal Money Transfer Scam) क्या है। जिसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी 3 जुलाई को कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के आवास का घेराव करेगी। ये मामला तब प्रकाश में आया जब इसके लेखा अधीक्षक चन्द्रशेखर पी का सुसाइड नोट मिला। जानें सारा माजरा।
सिद्धारमैया, मुख्यमंत्री, कर्नाटक।
What is Illegal Money Transfer Scam: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने शनिवार को कहा कि तीन जुलाई को पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बेंगलुरु स्थित मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आवास का घेराव करेंगे और राज्य सरकार के एक निगम से जुड़े कथित अवैध धन अंतरण घोटाले के संबंध में उनके इस्तीफे की मांग करेंगे। भाजपा ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया और लगभग सभी जिलों में उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।
क्या है अवैध अवैध धन अंतरण घोटाला?
निगम से जुड़ा अवैध धन अंतरण का मामला तब प्रकाश में आया जब इसके लेखा अधीक्षक चन्द्रशेखर पी का सुसाइड नोट मिला। चंद्रशेखर ने 26 मई को कथित तौर पर आत्महत्या की थी। सुसाइड नोट में निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपये के अनधिकृत अंतरण का दावा किया गया था, और इसमें से 88.62 करोड़ रुपये कथित तौर पर ‘प्रसिद्ध’ आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित सहकारी बैंक के विभिन्न खातों में अवैध रूप से अंतरित किए गए थे।
'वाल्मीकि विकास निगम में हुआ घोटाला'
चन्द्रशेखर ने नोट में निगम के अब निलंबित प्रबंध निदेशक जे जी पद्मनाभ, लेखा अधिकारी परशुराम जी दुरुगन्नवर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक सुचिस्मिता रावल का नाम लिया है। उन्होंने यह भी लिखा कि ‘मंत्री’ ने धन अंतरित करने के लिए मौखिक आदेश जारी किए थे। विजयेंद्र ने कहा कि वाल्मीकि विकास निगम में घोटाला और भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ भाजपा लगातार आंदोलन कर रही है जिसके परिणामस्वरूप मंत्री रहे नागेंद्र को इस्तीफा देना पड़ा था।
कर्नाटक सरकार पर लगातार उठ रहे सवाल
विजयेंद्र ने कहा कि चंद्रशेखर के सुसाइड नोट में कई बातों का जिक्र है लेकिन लगता है राज्य सरकार ने अब भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल और वाल्मीकि निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दल को इस्तीफा देना होगा। राज्य सरकार ने जांच करने के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आर्थिक अपराध) मनीष खरबिकर की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
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