क्या है मराठा आंदोलन? जिसकी आग में झुलस रहे महाराष्ट्र के कई जिले, CM ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

Maratha Reservation: देखा जाए तो मराठा आरक्षण का मुद्दा शिंदे सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है। मराठा समुदाय अलग से आरक्षण की मांग कर रहा है और राज्य के ओबीसी नेता इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में आरक्षण के मुद्दे पर दोनों एक-दूसरे के विरोध में उतर आए हैं। इस बीच राज्य में हिंसा का दौर जारी है...

Maratha Reservation

मराठा आंदोलन

Maratha Reservation: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसक हो चुका है। इस आंदोलन की आंच में महाराष्ट्र के कई जिले झुलस रहे हैं। बीते सोमवार को आंदोलन की आग इस कदर फैली कि प्रदर्शनकारियों ने एनसीपी के दो विधायकों के आवासों को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद एक सांसद और दो विधायकों तक ने इस्तीफा दे दिया। वहीं, राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में भी अलग-अलग घटनाएं सामने आईं।

देखा जाए तो मराठा आरक्षण का मुद्दा शिंदे सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है। हिंसक घटनाओं के बाद कुछ हिस्सों में इंटरनेट और बस सेवाएं ठप करनी पड़ी हैं। इस बीच मंगलवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया। वहीं अब एकनाथ शिंदे ने आज (बुधवार) सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक 10 बजे से होनी है। जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में मुख्यमंत्री मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए समर्थन की मांग करेंगे और सरकार के रुख से अवगत कराएंगे।

क्या है मराठा आरक्षण आंदोलन?

दरअसल, मराठा समुदाय अलग से आरक्षण की मांग कर रहा है। उनकी मांग है कि सरकार सभी माराठों को कुनबी (मराठा की एक उपजाति) मानें, जिससे ओबीसी वर्ग के तहत नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण का लाभ मिले। इधर, सुप्रीम कोर्ट ने मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को रद्द कर दिया है। इसके बाद आंदोलन का मुख्य चेहरा मनोज जारांगे पाटिल भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा है कि जब तक हमें आरक्षण नहीं मिल जाता, हम एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे।

पेंच कहां फंसा है?

मराठाओं को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने का विरोध राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ कर रहा है। इसके अलावा राज्य के अन्य ओबीसी नेता भी इसके विरोध में हैं। इनका कहना है कि अगर, मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाता है तो उसे ओबीसी कोटे से आरक्षण का लाभ मिल जाएगा। फिलहाल राज्य में ओबीसी कोटे से आरक्षण 19 फीसदी है। मराठों के इसमें शामिल होने से आरक्षण का लाभ नए प्रतिभागियों को मिलने लगेगा, जिससे कंपटीशन बढ़ जाएगा। ऐसे में मराठा और ओबीसी समुदाय आरक्षण के मुद्दे पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं।

कई जिलों में कर्फ्यू

माराठा आंदोलन ने सोमवार से रफ्तार पकड़ी, इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में हिंसक घटनाएं सामने आईं। पहले तो बीड में एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के घर में आग लगा दी गई। इसके बाद एक अन्य विधायक के घर में तोड़ फोड़ की गई। वहीं कई सरकारी बसों को भी निशाना बनाया गया। इसके चलते एहतियात के तौर पर बीड, धाराशिव और जालना इलाकों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। साथ ही धाराशिव और बीड में कर्फ्यू भी लगाया गया है।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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