Premature Release: बिना सजा पूरी किए जेल से कैसे रिहा हो जाते हैं कैदी? नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई से समझिए पूरा कानून

Premature Release: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को रोडरेज के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद 20 मई 2022 को नवजोत सिंह सिद्धू ने सरेंडर कर दिया था। सरेंडर के बाद से सिद्धू पटियाला जेल में बंद थे। अब एक अप्रैल 2023 को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।

सजा पूरी होने से पहले कैसे कैदी हो जाते हैं रिहा, जानिए

Premature Release: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को रोडरेज के मामले में एक साल की सजा हुई थी, लेकिन वो सजा पूरी होने से 45 दिन पहले ही जेल से बाहर आ गए। कहा गया कि भारतीय कानून में मिली छूट के तहत उन्हें सजा पूरी करने से पहले रिहा किया गया है। उनकी रिहाई के बाद से एक बार फिर से यह सवाल सामने आ गया है कि आखिर किस कानून के तहत कैदी सजा की अवधि पूरी करने से पहले ही जेल से रिहा हो जाते हैं?

क्या कहता है कानून

भारत का संविधान सरकारी संस्थानों और उसके सहायक अंगों को असंख्य शक्तियां और कर्तव्य प्रदान करता है। राष्ट्रपति के साथ-साथ राज्य के राज्यपाल की शक्तियां भी उनमें से एक हैं। संविधान के तहत हर संस्था को अलग-अलग शक्तियां प्रदान की गईं हैं, उसी के तहत ऐसे फैसले लिए जाते हैं। कानून और सजा के हिसाब से ये फैसले अलग-अलग लेवल पर लिए जाते हैं। मामलों और सजा के हिसाब से जेल प्रशासन, राज्य सरकार, राज्यपाल और राष्ट्रपति ऐसे मामलों पर सिफारिशों के बाद विचार करते हैं और फैसला देते हैं।

सिद्धू का क्या है मामला

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