Premature Release: बिना सजा पूरी किए जेल से कैसे रिहा हो जाते हैं कैदी? नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई से समझिए पूरा कानून
Premature Release: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को रोडरेज के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद 20 मई 2022 को नवजोत सिंह सिद्धू ने सरेंडर कर दिया था। सरेंडर के बाद से सिद्धू पटियाला जेल में बंद थे। अब एक अप्रैल 2023 को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
सजा पूरी होने से पहले कैसे कैदी हो जाते हैं रिहा, जानिए
क्या कहता है कानून
भारत का संविधान सरकारी संस्थानों और उसके सहायक अंगों को असंख्य शक्तियां और कर्तव्य प्रदान करता है। राष्ट्रपति के साथ-साथ राज्य के राज्यपाल की शक्तियां भी उनमें से एक हैं। संविधान के तहत हर संस्था को अलग-अलग शक्तियां प्रदान की गईं हैं, उसी के तहत ऐसे फैसले लिए जाते हैं। कानून और सजा के हिसाब से ये फैसले अलग-अलग लेवल पर लिए जाते हैं। मामलों और सजा के हिसाब से जेल प्रशासन, राज्य सरकार, राज्यपाल और राष्ट्रपति ऐसे मामलों पर सिफारिशों के बाद विचार करते हैं और फैसला देते हैं।
सिद्धू का क्या है मामला
नवजोत सिंह सिद्धू का मामला 1988 से शुरू होता है। 27 दिसंबर को अपने एक दोस्त के साथ सिद्धू पटियाला में एक मार्केट में गए थे। जहां कार पार्किंग को लेकर 65 साल के शख्स गुरनाम सिंह से विवाद हो गया। आरोप लगा कि सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मारा और फिर गिरा दिया। इस घटना के बाद गुरुनाम सिंह की मौत हो गई और सिद्धू के खिलाफ मामला दर्ज हो गया। इस मामले में सिद्धू बुरी तरह से फंसे और हाईकोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुना दी। जिसके बाद सिद्धू सुप्रीम कोर्ट गए और वहां उनकी सजा पर रोक लग गई। इसके बाद गुरनाम सिंह के परिजन सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका लेकर पहुंच गए, जिसमें सिद्धू को एक साल की सजा हो गई।
सिद्धू कैसे हुए पहले रिहा
नवजोत सिंह सिद्धू की सजा 45 दिन कम की गई है। ऐसा भारत के कानून के हिसाब से ही किया गया है। भारत के कानून के अनुसार अगर कैदी का जेल में आचरण अच्छा रहता है तो उसे सजा की अवधि से पहले रिहा किया जा सकता है। इसमें जेल प्रशासन की भूमिका ज्यादा होती है। पंजाब प्रिजन रूल के हिसाब से अगर कोई सजा पाया हुआ कैदी अच्छा व्यवहार करता है तो हर महीने उसकी सजा में 5 दिन की छूट मिलती है। इसी का लाभ सिद्धू को मिला है। सिद्धू का जेल में व्यवहार अच्छा था, जिसके कारण उन्हें फायदा मिला। साथ ही सिद्धू ने एक भी दिन की छुट्टी अपनी सजा के दौरान नहीं ली थी। जिसमें सरकारी छुट्टी से लेकर जेल में मिलने वाली साप्ताहिक छुट्टी तक शामिल है। इन सब छुट्टियों को मिलाकर सिद्धू ने 45 की सजा कम करा ली और एक साल से पहले ही जेल से बाहर आ गए।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited