क्या है प्रेस पंजीकरण विधेयक? जिसे लोकसभा से मिली मंजूरी

Lok Sabha News: लोकसभा ने बृहस्पतिवार को ‘प्रेस और नियतकालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक, 2023’ को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक राज्यसभा से पहले ही पारित हो चुका है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार प्रेस की आजादी और मीडिया के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

‘प्रेस और नियतकालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक, 2023’ को मंजूरी।

What is Press and Registration of Periodicals Bill: ‘प्रेस और नियतकालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक, 2023’ को लोकसभा ने बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक राज्यसभा से पहले ही पारित हो चुका है। पत्रिका आदि निकालने वाले लोगों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने वाले इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया।

क्या है इस विधेयक का उद्देश्य, जानिए जरूरी बातें

इस विधेयक का उद्देश्य वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप विधि को अद्यतन करना है। यह मीडिया की स्वतंत्रता को बने रखने की भावना और नियतकालिक पत्रिकाओं के शीर्षक आवंटन तथा रजिस्ट्रीकरण की पूरी प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी फिजिकल इंटरफेस की जरूरत के बिना एक ऑनलाइन प्रणाली हेतु उपबंध करना है, जिसे प्रेस महारजिस्ट्रार द्वारा फास्ट ट्रैक किया जाएगा जिससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रकाशकों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम प्रकाशकों को कोई नियतकालिक पत्रिका शुरू करने में कम कठिनाई का सामना करना पड़े।

विधेयक में साझा की गई ये अहम जानकारियां

इस विधेयक में ये जानकारी दी गई है कि 'प्रेस और पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1867 (अधिनियम) को भारत में मुद्रित एवं पुस्तकों और समाचार-पत्रों की प्रतियों के परिरक्षण तथा ऐसी पुस्तकों एवं समाचार पत्र के रजिस्ट्रीकरण के लिए तथा मुद्रणालयों और समाचार-पत्रों के विनियमन के लिए अधिनियमित किया गया था। यह अधिनियम ब्रिटिश राज की एक विरासत था और इसे विभिन्न उल्लंघनों के लिए कारावास सहित भारी जुर्माने और शास्तियों के अधिरोपण द्वारा पुस्तकों और समाचार-पत्रों के प्रेस, मुद्रकों और प्रकाशकों पर पूर्ण नियंत्रण करने के आशय से अधिनियमित किया गया था।'

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