Solar Eclipse: ऐसे होता है सूर्य ग्रहण,देखने का ये है सही तरीका,लेकिन इन जगहों पर नहीं दिखेगा
Solar Eclipse Today: वैसे तो इस बार आंशिक सूर्य ग्रहण देश के हर हिस्से में दिखेगा। लेकिन इसके बावजूद कुछ क्षेत्र ऐसे हैं,जहां पर सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और आइजॉल, डिब्रूगढ़, इम्फाल, इटानगर, कोहिमा, सिबसागर, सिलचर, तामलोंग इत्यादि में दिखाई नहीं देगा।
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने लोगों को नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण नहीं देखने की सलाह दी है।
- भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा के करीब 40 से 50 फीसदी हिस्से को ढक लेगा।
- भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा।
क्या होता है सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है । यह स्थिति तब बनती है जब सूर्य की परिक्रमा करते हुए चंद्रमा और पृथ्वी के एक खास स्थिति में आ जाती है। वह स्थिति तब बनती है तो सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं। इस दौरान चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में स्थित होता है। जब चंद्रमा की वजह से सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पूरी तरह से नहीं पड़ती हैं तो वह पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति होती है। वहीं आंशिक सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा के बीच में आ जाने के कारण सूर्य की किरणें पृथ्वी के कुछ हिस्से तक नहीं पहुंच पाती हैं। अधिकतर सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होते हैं, क्योंकि उस समय चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है।
भारत में इन जगहों पर नहीं दिखेगा
वैसे तो इस बार आंशिक सूर्य ग्रहण देश के हर हिस्से में दिखेगा। लेकिन इसके बावजूद कुछ क्षेत्र ऐसे हैं,जहां पर सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और आइजॉल, डिब्रूगढ़, इम्फाल, इटानगर, कोहिमा, सिबसागर, सिलचर, तामलोंग इत्यादि में दिखाई नहीं देगा।
वहीं अगर देश के प्रमुख शहरों में सूर्य ग्रहण की अवधि देखी जाय तो दिल्ली में यह 1 घंटे 13 मिनट और मुम्बई में 1 घंटे 19 मिनट का ग्रहण लगेगा। जबिक चेन्नई में 31 मिनट और कोलकाता में ग्रहण की अवधि 12 मिनट की होगी।
ग्रहण के दौरान कभी न करें ये गलतियां
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने लोगों को नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण नहीं देखने की सलाह दी है। उसके अनुसार सूर्य ग्रहण को थोड़ी देर के लिए भी खाली आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए। चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे खाली आंखों से न देखें क्योंकि यह आंखों को स्थाई नुकसान पहुँचा सकता है जिससे अंधापन हो सकता है।
इस तरह देखें सूर्य ग्रहण
सरकार के अनुसार सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तरीका ऐलुमिनी माइलर, काले पॉलिमर, 14 नं. शेड के झलाईदार कांच का इस्तेमाल है। इसके अलावा टेलिस्कोप के माध्यम से श्वेत पट पर सूर्य की छाया का प्रक्षेपण कर इसे देखा जा सकता है।
भारत के अलावा सूर्य ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी हिस्सों, पश्चमी एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा उत्तर हिंद महासागर के क्षेत्रों में भी दिखाई देगा। भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा।
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