क्या है केदारनाथ मंदिर में लगे सोने का पीतल में बदले जाने का सच? साजिश या राजनीतिक खेल

Kedarnath Temple Gold: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की जगह पीतल लगाए जाने के आरोपों को षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (BKTC) ने रविवार को कहा कि क्षुद्र राजनीतिक तत्व यात्रा को प्रभावित करने और धाम की छवि को धूमिल करने के लिए भ्रम फैला रहे हैं।

Kedarnath Temple Gold: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर लगाई गईं सोने की परतों को लेकर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें केदारनाथ गर्भगृह में लगाए गए सोने को पीतल में परिवर्तित होने की बात कही जा रही है। इसके पीछे का सच क्या है, क्या सच में सोना पीतल में बदल गया या फिर बदला गया है, किसी ने घोटाले किए हैं या फिर ये कोई राजनीतिक साजिश है?

सोने का पीतल में बदलने का आरोप किसने लगाया

इस घटना को लेकर काफी हंगामा मचा है। दरअसल केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने एक वीडियो बनाया था। जिसमें सोने के पीतल में बदलने और सवा अरब घोटाले का दावा कर दिया। ये वीडियो तेजी से वायरल हुआ और केदारनाथ मंदिर प्रबंधन सवालों के घेरे में आ गया।

क्या है सच

इस मामले को लेकर अब जो खुलासा हुआ है, उससे सारी सच्चाई सामने आ गई है। केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की जगह पीतल लगाए जाने के आरोपों को षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (BKTC) ने रविवार को कहा कि क्षुद्र राजनीतिक तत्व यात्रा को प्रभावित करने और धाम की छवि को धूमिल करने के लिए भ्रम फैला रहे हैं।

होगी कानूनी कार्रवाई

मंदिर समिति ने इस संबंध में एक ट्वीट करते हुए सोशल मीडिया पर भ्रम एवं दुष्प्रचार करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। समिति ने स्पष्ट किया कि सोना खरीदने से लेकर गर्भगृह की दीवारों पर उसे जड़ने तक का सम्पूर्ण कार्य दानदाता द्वारा स्वयं कराया गया और इसमें मंदिर समिति की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी।

राजनीतिक साजिश!

मंदिर समिति ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित किए जाने पर सोशल मीडिया में फैलाये जा रहे कथित भ्रम को षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों के फलस्वरूप चारधाम खासतौर पर केदारनाथ में बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालु क्षुद्र राजनीतिक तत्वों को रास नहीं आ रहे हैं। समिति ने दावा किया कि ऐसे तत्व यात्रा को प्रभावित करने और केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने के लिए भ्रम फैला रहे हैं।

कुल कितना हुआ था खर्च

समिति ने कहा कि एक दानदाता ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने की इच्छा प्रकट की थी जिसकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति ने नियमानुसार उसे ऐसा करने की अनुमति दी थी और इसके लिए राज्य सरकार से भी मंजूरी ली थी। बीकेटीसी ने कहा कि भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देख देख में पिछले साल मंदिर को स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया। समिति ने कहा कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य दानदाता ने अपने स्तर से किया। उसने अपने स्वर्णकार से तांबे की प्लेटें तैयार करवाईं और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गईं। दान दाता ने अपने स्वर्णकार के माध्यम से ही इन प्लेट को मंदिर में स्थापित कराया। उसने यह भी बताया कि काम होने के पश्चात दानदाता ने गर्भ गृह में लगाए गए स्वर्ण व तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल समिति को दे दिए जिन्हें नियमानुसार दर्ज किया गया है। समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्य के लिए दानदाता अथवा किसी फर्म द्वारा बीकेटीसी के समक्ष किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी गई और न ही दान दाता ने बीकेटीसी से आयकर अधिनियम की धारा-80जी का प्रमाण पत्र मांगा। यह भी बताया गया कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया जिसका वर्तमान मूल्य करीब 14.38 करोड़ रुपये है जबकि स्वर्णमंडित कार्य के लिए इस्तेमाल तांबे की प्लेटों का कुल वजन 1,001.300 किलोग्राम है जिसका कुल मूल्य 29 लाख रुपये है।
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