Gyanvapi case: ज्ञानवापी परिसर में क्या है व्यास जी का तहखाना, कितना अहम है कोर्ट का यह फैसला?

Gyanvapi case : कोर्ट ने जिला प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर तहखाने में पूजा शुरू कराने का आदेश दिया है। हिंदू पक्ष इसे अपनी एक बड़ी जीत बता रहा है। बता दें कि एएसआई के सर्वे रिपोर्ट के बाद वाराणसी कोर्ट का यह फैसला मुस्लिम पक्ष के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

Gyanvapi Case

व्यास जी के तहखाने में पूजा शुरू करने का आदेश।

Gyanvapi case : ज्ञानवापी केस मामले में हिंदू पक्ष की और जीत हुई है। वाराणसी जिला अदालत ने बुधवार को अपने एक अहम फैसले में ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा शुरू करने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने जिला प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर तहखाने में पूजा शुरू कराने का आदेश दिया है। हिंदू पक्ष इसे अपनी एक बड़ी जीत बता रहा है। बता दें कि एएसआई के सर्वे रिपोर्ट के बाद वाराणसी कोर्ट का यह फैसला मुस्लिम पक्ष के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
कोर्ट ने अपने आदेश में जिला प्रशासन, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट और हिंदू वादियों से पूजा-पाठ की व्यवस्था करने और तहखाने पर लगे लोहे को बाड़ हटाने के लिए कहा है। यह तहखाना नंदी के ठीक सामने है। इस बैरिकेडिंग की वजह से तहखाने में आना-जाना बंद था।

सत्य एवं न्याय की जीत हुई-हिंदू पक्ष

हिंदू पक्ष के वकील इसे अदालत के इस फैसले को सत्य एवं न्याय की जीत बता रहे है। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि 1993 से पहले यहां पूजा पाठ होती थी लेकिन तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार के आदेश पर पूजा-पाठ पर रोक लगा दी गई। इसे अवैध बताकर पुजारियों को भी वहां से हटा दिया गया। इस आदेश की कोई लिखित प्रति मुस्लिम पक्ष के पास नहीं है। उनके पास होती तो वे कोर्ट को दिखाते। वकील ने कहा कि कोर्ट ने सात दिन के भीतर पूजा-पाठ शुरू करने के लिए कहा है। हालांकि पूजा अभी से शुरू हो सकती है।

1993 तक सोमनाथ व्यास ने की पूजा

मस्जिद परिसर में चार तहखाने हैं। इनमें से एक तहखाने पर व्यास परिवार का अभी भी नियंत्रण है। व्यास परिवार इसी तहखाने में रहा करता था। शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के खिलाफ अर्जी दायर कर तहखाने का रिसीवर जिलाधिकारी को बनाने की मांग की थी। अर्जी के मुताबिक पुजारी सोमनाथ व्यास 1993 तक यहां पूजा-पाठ करते आए थे लेकिन अधिकारियों के आदेश पर उनके पूजा-पाठ पर रोक लगा दी गई। सोमनाथ के वंशज होने के नाते शैलेंद्र कुमार ने तहखाने में जाने और पूजा करने की इजाजत मांगी थी। उनका कहना था कि मस्जिद कमेटी के लोग तहखाने की तरफ आते रहते हैं और वे इस पर कब्जा कर सकते हैं।

व्यास परिवार के सदस्य ने क्या कहा

व्यास परिवार के सदस्य जितेंद्रनाथ व्यास ने बताया कि तहखाने में टूटी-फूटी मूर्तियां रखी हुई हैं। वहां कमल और त्रिशूल की आकृति है। तहखाने में खंभे वैसे ही हैं जैसे कि प्राचीन मंदिर में लगे होते हैं। इसके अलावा तहखाने में पूजा-पाठ में लगने वाली सामग्री हैं। अगर तहखाने की खुदाई हो तो वहां से बहुत सारे मंदिर के अवशेष निकलेंगे। तहखाने के आगे श्रृंगार गौरी का मंदिर भी है।

ज्ञानवापी परिसर में 6 तहखाने खुले पाए गए

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने अपनी रिपोर्ट में व्यासजी के अलावा भी कई और तहखाने मिलने का खुलासा किया है। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से हुए सर्वे में परिसर में छह तहखाने खुले पाए गए। यहां एएसआई की टीम भी पहुंची थी। चार और तहखानों की पुष्टि हुई है। सर्वे रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि दक्षिण में जो तहखाने हैं, उनमें हिन्दू धर्म से जुड़े प्रतीक चिन्ह मिले हैं। ऐसे ही उत्तर में भी तहखाना मौजूद है, जो दिखाई नहीं दे रहा।
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