इस एक्टर ने किया था 'वारिस पंजाब दे' का गठन, सड़क हादसे में मौत के बाद अमृतपाल बना मुखिया
वारिस पंजाब दे के नाम से ही इन दिनों पंजाब में हलचल मची हुई है। दीप सिद्धू ने इसका गठन किया था। दीप ने पहली बार 2020 में किसानों के विरोध में भाग लेने के लिए सुर्खियां बटोरी थीं।
दीप सिद्धू (file photo)
पंजाबी की हाल ही की घटनाओं के बाद पिछले कुछ समय से 'वारिस पंजाब दे' का जिक्र जोरों पर है। इसके चीफ पंजाब का अलगाववादी नेता और कट्टर खालिस्तानी अमृतपाल सिंह इन दिनों पुलिस की पकड़ से बचने के लिए भागा-भागा फिर रहा है। पुलिस उसकी तलाश में कई राज्यों में छापेमारी कर रही है। कभी मौजमस्ती भरी जिंदगी जीने वाला अमृतपाल सिंह आखिर किस तरह 'वारिस पंजाब दे' का चीफ बन गया और किसने इसका गठन किया था, आपको बता रहे हैं। संबंधित खबरें
किसने बनाया 'वारिस पंजाब दे''वारिस पंजाब दे' का अर्थ है 'पंजाब के वारिस'। इसका गठन 30 सितंबर, 2021 को अभिनेता दीप सिद्धू ने की थी, जिनकी पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ महीनों पहले 15 फरवरी, 2022 को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। दीप सिद्धू ने पंजाब के अधिकारों की रक्षा करने और सामाजिक मुद्दों को उठाने के लिए यह संगठन बनाया था। दीप सिद्धू ने पहली बार 2020 में किसानों के विरोध में भाग लेने के लिए सुर्खियां बटोरी थीं। हिंसा में उसका नाम भी आया था और पुलिस उसकी तलाश में थी। 'वारिस पंजाब दे' बनाने के बाद दीप सिद्धू ने सिमरनजीत सिंह मान की खालिस्तान समर्थक पार्टी (अमृतसर) का समर्थन किया।
दीप सिद्धू
तस्वीर साभार : PTI
2018 में प्रसिद्धि हासिल की
1984 में पंजाब के मुक्तसर जिले में जन्मे दीप सिद्धू ने अभिनय में आने से पहले कानून की पढ़ाई की थी। उन्होंने एक मॉडल के रूप में अपना करियर शुरू किया और 2015 में अभिनेता धर्मेंद्र की अगुवाई वाली विजेता फिल्म्स द्वारा निर्मित अपनी पहली फिल्म रमता जोगी हासिल की। हालांकि, उन्होंने 2018 में "जोरा 10 नंबरिया" में एक गैंगस्टर की भूमिका निभाने के बाद 2018 में प्रसिद्धि हासिल की।संबंधित खबरें
दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह को कमान
दीप सिद्धू की मौत के बाद दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह को 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख नामित किया गया। इस पूरे कार्यक्रम को आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के पैतृक गांव मोगा जिले के रोड में संपन्न किया गया। अमृतपाल अब भिंडरावाले जैसे गेटअप में भी नजर आता है। संबंधित खबरें
अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल भिंडरावाले जैसे हथियारबंद लोगों के साथ घूमता है। उसके समर्थक उसे 'भिंडरावाले 2.0' भी कहते हैं। अमृतपाल पहले अपने खानदानी ट्रांसपोर्ट बिजनेस का काम करता देखता था। वह आधुनिक जिंदगी बिताता था और तब उसे बाल भी छोटे थे और सिर्फ मूंछे रखा करता था। धीरे-धीरे वह कट्टरपंथी बनता गया और बाद में भिंडरावाले जैसा ही लुक अपना लिया। संबंधित खबरें
नेपाल सीमा पर तस्वीर लगे पोस्टर चस्पा
वहीं, अमृतपाल सिंह और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के पड़ोसी देश नेपाल भागने की आशंका के बीच अलर्ट जारी करते हुए बहराइच जिले की रुपईडीहा सीमा पर जगह-जगह अमृतपाल व उसके दो साथियों की तस्वीर लगे पोस्टर चस्पा किए हैं। एसएसबी की 42वीं बटालियन के कमांडेंट तपन दास ने बताया कि पंजाब पुलिस द्वारा वांछित फरार अपराधी अमृतपाल सिंह को पकड़ने की कवायद हर तरफ चल रही है। खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई है कि भारत और नेपाल की खुली सीमा से अमृतपाल सिंह नेपाल भी जा सकता है। इस आशंका के चलते सीमा पर अलर्ट जारी किया गया है। संबंधित खबरें
उन्होंने बताया कि रूपईडीहा में सीमा पर उसकी तस्वीरों वाले पोस्टर भी चस्पा किए गए हैं और सीमा पर लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि एसएसबी कर्मियों के मोबाइल फोन पर ‘फेस रीडिंग’ सुविधा वाले हाईटेक कैमरों में अमृतलाल के सभी संभावित फोटो अपलोड किए गए हैं। सीमा पर तैनात सभी कर्मियों के मोबाइल पर अमृतपाल के दाढ़ी और बिना दाढ़ी वाले कई तरह के फोटो भेजे गए हैं जिससे वह हुलिया बदल कर सीमा न पार कर सके।संबंधित खबरें
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अमित कुमार मंडल author
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