Delhi Excise policy: क्या थी दिल्ली सरकार की आबकारी नीति जिसमें ED के फंदे में फंस गए केजरीवाल

What was Delhi Excise policy: आम आदमी पार्टी की सरकार साल 2021 में आबकारी नीति लेकर आई थी। उसका दावा था कि वह यह नीति शराब कारोबार में सुधार के लिए थी। इस नीति ने शराब कारोबार में निजी कंपनियों के प्रवेश एवं लाइसेंस क्राइटेरिया में व्यापक बदलाव को प्रेरित किया।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल।

What was Delhi Excise policy: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को शराब नीति मामले में गिरफ्तार हो गए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दो घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया। दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से गिरफ्तारी से राहत नहीं मिलने पर ईडी के अधिकारी केजरीवाल के सरकारी आवास पहुंचे और फिर उनसे पूछताछ शुरू की। सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा है कि वह सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे। आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर तुरंत रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग की है।

क्या थी दिल्ली सरकार की आबकारी नीति

आम आदमी पार्टी की सरकार साल 2021 में आबकारी नीति लेकर आई थी। उसका दावा था कि वह यह नीति शराब कारोबार में सुधार के लिए थी। इस नीति ने शराब कारोबार में निजी कंपनियों के प्रवेश एवं लाइसेंस क्राइटेरिया में व्यापक बदलाव को प्रेरित किया। हालांकि, इस शराब नीति में भेदभाव, पक्षपात सहित कई तरह के आरोप लगे। कोर्ट की ओर से इस नीति की आलोचना और सवाल पूछे जाने के बाद केजरीवाल सरकार ने अपनी इस आबकारी नीति को वापस ले लिया।

शराब की सरकारी दुकानें प्राइवेट हुईं

इस नीति के तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए। हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

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