IAS ट्रेनी पूजा खेडकर ने की थी अजब-गजब मांगें, घर-कार से लेकर अलग केबिन की डिमांड, हुए कई खुलासे
ट्रेनी आईएएस पूजा अपनी निजी ऑडी कार में लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट भी लगाती थी और उसने अपनी निजी कार पर 'महाराष्ट्र सरकार' का बोर्ड भी लगा रखा था।
विवादों में पूजा खेडकर
Puja Khedkar: महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों चर्चा में हैं। सत्ता के कथित दुरुपयोग के कारण उनका तबादला कर दिया गया। अब धीरे-धीरे खुलासा हो रहा है कि उन्होंने किस तरह की मांगें सामने रखी थी जिसके कारण वह विवादों में घिर गईं। उनके वॉट्सऐप चैट रिकॉर्ड से पता चलता है कि पूजा ने अपने लिए एक अलग केबिन, एक कार और एक घर की मांग की थी। पुणे जिला कलेक्टर के साथ उनके व्हाट्सएप चैट से ये बातें सामने आई हैं। पूजा खेडकर ने पुणे में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभालने से पहले ये मांगें रखी थीं।
पूजा खेडकर पर रिपोर्ट में क्या-क्या जिक्र
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला कलेक्टर ने इन मांगों को मुख्य सचिव के समक्ष रखा था। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने सुझाव दिया था कि पुणे में पूजा खेडकर की ट्रेनिंग को जारी रखना अनुचित होगा और जिक्र किया कि इससे प्रशासनिक जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। उन्होंने पूजा को अपना खुद का कक्ष दिया था। कलेक्टर की रिपोर्ट में कहा गया है कि अटैच बाथरूम की कमी के कारण पूजा ने इसे लेने से इनकार कर दिया। पूजा खेडकर ने अपने पिता दिलीप खेडकर के साथ कार्यालय का भी दौरा किया था और खनन विभाग के बगल में स्थित एक वीआईपी हॉल को अपने केबिन के रूप में इस्तेमाल करने का प्रस्ताव रखा था।
वाशिम जिले में तबादला हुआ
हालांकि, पूजा खेडकर को बताया गया कि वह प्रोबेशन पर इन सुविधाओं की हकदार नहीं है, और उन्हें आवास जरूर प्रदान किया जाएगा। जिला कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद 2023 बैच की आईएएस अधिकारी खेडकर का उनके प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए वाशिम जिले में तबादला कर दिया गया है। वह 30 जुलाई, 2025 तक 'सुपरन्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर' के रूप में काम करेंगी।
निजी ऑडी कार में लाल-नीली बत्ती
ट्रेनी आईएएस पूजा अपनी निजी ऑडी कार में लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट भी लगाती थी और उसने अपनी निजी कार पर 'महाराष्ट्र सरकार' का बोर्ड भी लगा रखा था। विवाद के बाद उनकी नियुक्ति दस्तावेजों की जांच से पता चला कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र जमा किए थे।
ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी
खेडकर ने ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी थी। मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था। अप्रैल 2022 में पूजा को अपनी विकलांगता को सत्यापित करने के लिए एम्स में चिकित्सा परीक्षण कराने के लिए कहा गया था। एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि, पूजा खेडकर ने छह अलग-अलग मौकों पर इन परीक्षणों में शामिल होने से इनकार कर दिया। बाद में एक निजी केंद्र से प्राप्त एमआरआई स्कैनिंग प्रमाणपत्र दिया जिसे स्वीकार कर लिया गया और उनकी आईएएस नियुक्ति की पुष्टि कर दी गई।
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