जब कांग्रेस ने किया था स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने से इनकार

2004 में जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बने थे, उसी साल नवंबर में एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी।

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लेकर हंगामा है जारी

अपनी मांगों के साथ किसान सड़कों पर हैं। पंजाब से किसानों ने दिल्ली चलों का नारा बुलंद करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल लिया है। राज्य सरकारों की कोशिश उन्हें दिल्ली पहुंचने से रोकने की है। सरकार की तरफ से बातचीत की पेशकश भी लगातार की जा रही है। इस बीच भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में ऐलान किया कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो MSP पर फसल खरीद का कानून लागू करेंगे।

2010 में कांग्रेस ने किया था इनकार

ये बयान 2024 में आया है जब राहुल गांधी विपक्ष में हैं। हालांकि कमाल की बात है कि साल 2010 में कांग्रेस की सरकार ने ही देश की संसद में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने से इनकार कर दिया था। उस वक्त जब बीजेपी के राज्यसभा सांसद प्रकाश जावड़ेकर ने तत्कालीन कृषि मंत्री केवी थॉमस से सवाल पूछा था कि क्या किसानों को MSP दिए जाने के मसले पर सरकार स्वाामीनाथन आयोग की ओर से दी गई सिफारिशें लागू करने जा रही है? इस सवाल का जवाब देते हुए केवी थॉमस ने साफ तौर पर इससे इनकार किया था। इतना ही नहीं उन्होंने विस्तार से उन कारणों की भी चर्चा की थी जिस वजह से सरकार इन सिफारिशों को लागू करने में असमर्थ थी। थॉमस ने तब कहा था कि इसका अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। इसका बाजार पर सही असर नहीं होगा। ऐसे में उस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की भी बात कर लेते हैं जिसकी सिफारिशें लागू करने की मांग UPA सरकार के वक्त शुरू हुई और आज भी जारी है।मनमोहन सिंह ने किया था कमेटी का गठन

2004 में जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बने थे, उसी साल नवंबर में एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी। हरित क्रांति के जनक माने जाने वाले एम एस स्वामीनाथन की इस कमेटी को नेशनल कमीशन ऑन फार्मस नाम दिया गया था। स्वामीनाथन आयोग को किसानों की समस्याओं की स्टडी कर उसका हल सुझाना था। 2004 से 2006 के बीच आयोग ने 6 रिपोर्ट तैयार की थी।

क्या थी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें ?

End Of Feed