जब 2 लाख महिलाओं से रेप करने वाले पाकिस्तानी सेना से इंडियन आर्मी ने लिया था बदला

पूर्वी पाकिस्तान के साथ पाकिस्तान की सरकारों और सेना ने अंग्रेजों से भी बुरा सलूक किया। बंगाली भी कब तक चुप रहते सो शेख मुजीब की अगुवाई में बंगालियों ने आंदोलन शुरू किए। लेकिन यहीं से शुरू होता है पाकिस्तान का पूर्वी पाकिस्तान में कत्लेआम और बलात्कारों का सिलसिला।

जब पाकिस्तानी सेना से भारत ने लिया था बदला

ये कहानी वैसे तो 16 दिसंबर 1971 की है लेकिन इसकी बुनियाद 14 अगस्त 1947 को ही डाल दी गई थी। जब भारत से काटकर पाकिस्तान बनाया गया तो एक अजीबोगरीब सा मुल्क बना। एक तरफ पंजाबी और पश्तून थे तो देश के दूसरे कोने में थे बंगाली। तब भी कई लोगों ने कहा कि पाकिस्तान नाम का यह मुल्क बहुत दिनों तक वजूद में नहीं रहेगा। पाकिस्तान बनने के बाद पूर्वी पाकिस्तान के बंगाली आवाम पर उर्दू थोपी जा रही थी। उनकी भाषा उनके तहजीब को कुचला गया। पूर्वी पाकिस्तान के साथ पाकिस्तान की सरकारों और सेना ने अंग्रेजों से भी बुरा सलूक किया। बंगाली भी कब तक चुप रहते सो शेख मुजीब की अगुवाई में बंगालियों ने आंदोलन शुरू किए। लेकिन यहीं से शुरू होता है पाकिस्तान का पूर्वी पाकिस्तान में कत्लेआम और बलात्कारों का सिलसिला। जब पूर्वी पाकिस्तान ने अपनी आजादी की मुहिम छेड़ी तो पाकिस्तानी सेना ने जो जुल्मो गारत की इबारत लिखी उसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। मजहब के नाम पर मुल्क बनाने वालों की सेना इतनी वहशी थी कि 2 लाख से ज्यादा औरतों की इज्जत लूटी गई। 30 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई। लगभग 1 करोड़ लोगों ने भारत में शरण ले ली। भारत पर दबाव था इस नरसंहार को रोकने का। जब 1 करोड़ से अधिक लोग भागकर पूर्वी पाकिस्तान से भारत आ गए तो यह जंग भारत के लिए लड़ना लाज़मी हो गया।

'2 लाख महिलाओं के साथ रेप'

अमेरिकी लेखक गैरी बास की किताब 'द ब्लड टेलीग्राम' में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि उस वक्त पाकिस्तानी सेना ने 2 लाख से अधिक महिलाओं का रेप किया था। वहीं कई महिलाओं को महीनों तक कैद करके रखा गया था। इस दौरान करोड़ों लोग ढाका छोड़कर भारत चले गये थे। इतना ही नहीं पाकिस्तानी सेना ने इस तरह कत्लेआम मचाया था कि गंगा नदी, जिसे ढाका में पद्मा नदी कहते हैं, उसका पानी लाल हो गया था।

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