जब परवेज मुशर्रफ ने भारत की पीठ में घोंपा था 'छूरा', बुरी तरह हुई थी पाकिस्तान की शिकस्त

Pervez Musharraf: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया है, उन्होंने 79 की उम्र में अंतिम सांस ली। मुशर्रफ का जिक्र हो और कारगिल युद्ध की बात ना हो, ऐसा हो नहीं सकता है। कारगिल युद्ध के जनक रहे मुशर्रफ का जीवन भी विवादों से घिरा रहा।

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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया है

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

Pervez Musharraf: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और 1999 में करगिल युद्ध को कर्ता-धर्ता परवेज मुशर्रफ का रविवार को लंबी बीमारी के बाद 79 साल की उम्र में दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। मुशर्रफ पाकिस्तान से निर्वासित होने के बाद 2016 से ही दुबई में रह रहे थे। मुशर्रफ ने ही करगिल युद्ध (Kargil War) की जमीन तैयार की थी जो महीनों तक चला था। यह युद्ध तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के लाहौर में भारत के अपने समकक्ष अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद शुरू हुआ था। फरवरी 1999 में पाकिस्‍तान की यात्रा की थी, जब वह बस में बैठकर वाघा बॉर्डर पार कर अमन और शांति का पैगाम लेकर लाहौर पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत भी हुआ। भारत और पाकिस्‍तान के बीच की यह बस यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक भी थी। लेकिन मुशर्रफ की एक हरकत ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया था।

आगरा शिखर सम्मेलन और मुशर्रफमुशर्रफ 1998 में वो पाकिस्तानी सेना के चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ बने और कारगिल में मिली नाकामी के बाद मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री शरीफ को अपदस्थ कर दिया था। 1999 से 2008 तक विभिन्न पदों पर रहते हुए पाकिस्तान पर शासन किया था। कारिगल के बाद 2001 में जब मुशर्रफ आगरा भी आए और बड़ी चतुराई से एक ऐसा बयान मीडिया को जारी कर दिया जो भारत के खिलाफ था और इससे सरकार की आलोचना भी हुई जबकि पाकिस्तान में वह इसे लोकप्रियता के संदर्भ में भुनाने में कामयाब हो गए। हालांकि यह ज्यादा दिन तक नहीं चल सका।

लगातार दिया धोखा एक सैनिक के रूप में मुशर्रफ का जीवन अनुशासहीनताओं से भरा रहा जिसे उन्होंने खुद स्वीकार किया था। भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध छेड़ने वाले मुशर्रफ ने किस कदर भारत और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पीठ में छूरा घोंपा था इसका जीता जागता उदाहरण है लाहौर शिखर वार्ता और आगरा शिखर सम्मेलन। अटल बिहारी वाजपेयी ने परवेज मुशर्रफ़ को आगरा में शिख़र वार्ता के लिए यह सोचकर आमंत्रित किया ताकि दोनों देशों की समस्याओं का निराकरण किया जाए। लेकिन यहां वाजपेयी किस तरह गलत साबित हुए वह किसी से छिपा नहीं है।

शरीफ ने मानी थी ये बात बाद में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने एक पाकिस्तानी चैनल एआरवाई से बात करते हुए माना था कि कारगिल युद्ध भारत की पीठ में छुरा घोंपने जैसा था। शरीफ ने अटल बिहारी वाजपेयी का ज़िक्र करते हुए कहा 'वाजपेयी साहब ठीक कहते हैं, करगिल के ज़रिए वाकई भारत की पीठ में छुरा घोंपा गया था।' मार्च 2014 में मुशर्रफ को तीन नवंबर 2007 को संविधान निलंबित करने का दोषी ठहराया गया था। दिसंबर 2019 में एक विशेष अदालत ने मुशर्रफ को राजद्रोह के एक मामले में मृत्यदंड सुनाया था। हालांकि इलाज कराने के लिए वह मार्च 2016 में दुबई गए थे फिर वहीं रहने लगे।

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किशोर जोशी author

राजनीति में विशेष दिलचस्पी रखने वाले किशोर जोशी को और खेल के साथ-साथ संगीत से भी विशेष लगाव है। यह टाइम्स नाउ हिंदी डिजिटल में नेशनल डेस्क पर कार्यरत ...और देखें

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