जब पीएम मोदी ने मुझे रात ढाई बजे किया फोन...सोशल वर्कर जितेंद्र शंटी ने सुनाया कोरोना दौर का वो वाकया

When PM Modi Call @2AM to Jitender Singh Shunty: एक लोकप्रिय एक्स हैंडल, मोदी स्टोरी ने इस सामाजिक कार्यकर्ता की कहानी साझा की है, जिसे महामारी के दौरान अपने निस्वार्थ कार्य के लिए रात 2.30 बजे पीएम मोदी का फोन आया था।

PM Modi And Shunty

जितेंद्र सिंह शंटी ने सुनाया कोरोना काल का किस्सा

When Jitender Singh Shunt get PM MODI Call @2AM: पूर्व विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र सिंह शंटी ने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मनोबल बढ़ाने वाले एक वाकये का जिक्र किया है। शंटी ने उस दौर में पीएम मोदी के फोन कॉल को याद किया और खुलासा किया कि कैसे प्रशंसा के शब्दों ने उन्हें और अधिक सामाजिक सेवा करने के लिए प्रेरित किया। एक लोकप्रिय एक्स हैंडल, मोदी स्टोरी ने इस सामाजिक कार्यकर्ता की कहानी साझा की है, जिसे महामारी के दौरान अपने निस्वार्थ कार्य के लिए रात 2.30 बजे पीएम मोदी का फोन आया था।

21 दिनों तक घर नहीं जा सके थे

महामारी के समय के अपने अनुभवों को साझा करते हुए शंटी ने कहा कि सीमापुरी श्मशान घाट पर लगभग दैनिक आधार पर सैकड़ों लाशें आ रही थीं। चूंकि वह लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करवा रहे थे, इसलिए वह 21 दिनों तक घर नहीं जा सके थे। उन्होंने कहा कि उनके पड़ोसी उनके बार-बार श्मशान घाट जाने पर आपत्ति जताते थे क्योंकि इससे उनके घरों में वायरस फैलने का खतरा रहता था।

रात 2.30 बजे आया पीएम मोदी का फोन

शंटी ने उस दौर की एक दिलचस्प घटना को याद किया। उन्होंने कहा कि जब वह रात 2.30 बजे अंतिम संस्कार कर रहे थे, तो उनके ड्राइवर ने उनसे कहा, सर, एक आपके लिए एक फोन कॉल है। फोन करने वाले ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से बोल रहा है। शंटी ने अपने ड्राइवर से कहा, मेरे हाथ गंदे हैं, तुम फोन मेरे कानों के पास लगाओ। दूसरी तरफ की आवाज सुनकर वह चौंक गए और आश्चर्यचकित रह गए। पीएम मोदी ने मुझसे कहा, मैं आपको टेलीविजन पर देख रहा हूं। आप लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करके नेक काम कर रहे हैं। पूरा देश आपके साथ है। आपको यह काम पूरी दृढ़ता से करते रहना चाहिए।

फोन ने मनोबल बढ़ाने का काम किया

शंटी ने कहा कि इस प्रकरण ने उनके लिए बहुत बड़ा मनोबल बढ़ाने का काम किया क्योंकि उनके काम को देश के शीर्ष नेता द्वारा स्वीकार और सराहा जा रहा था। तब मुझे एहसास हुआ कि पीएम मोदी हर घटना को कितनी पैनी नजर से देखते थे और हर छोटी-छोटी बात पर उनकी नजर थी। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए सीखने का एक बड़ा अनुभव था कि व्यक्ति को अपनी सारी शक्ति और ताकत के बावजूद हमेशा जड़ों से जुड़ा और जमीन से जुड़ा रहना चाहिए।

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