जब हथियारबंद चोरों से अकेले भिड़ गईं थीं हीराबेन, PM मोदी की मां की बहादुरी से डरकर भाग गए थे बदमाश

पीएम मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार को निधन हो गया। वो 100 साल की थीं। दो दिन पहले ही उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद पीएम मोदी उन्हें देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। पहले कहा गया कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, लेकिन फिर उनकी तबीयत बिगड़ गई।

पीएम मोदी की मां हीराबेन त्याग और सादगी की प्रतिमूर्ति थीं। उनका संघर्ष किसी तपस्या से कम नहीं था। एक बार तो हथियारबंद चोरों से वो अकेले भिड़ गईं थीं। अपनी बेटी और स्वयं को बचाने के लिए उन्होंने ऐसी वीरता दिखाई थी कि चोर भागने पर मजबूर हो गए थे।
जब चोरों से लड़ीं
पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने कुछ दिनों पहले ये किस्सा सुनाया था। उन्होंने कहा कि हीराबेन बहुत ही कम उम्र में मां बन गईं थीं। साथ ही अपने भाई बहनों को भी पालने की जिम्मेदारी उनपर ही थीं। इसी क्रम में एक दिन जब वो अपनी बेटी के साथ सो रहीं थीं, तो घर में चोर घुस आए। हीराबा ने उन्हें देखा और उनसे भिड़ गईं। उन्होंने चोरों को मार भगाया।
जब पीएम मोदी ने बताई थी संघर्ष की कहानी
2015 में मार्क जुकरबर्ग के साथ चैट के दौरान, पीएम मोदी ने पहली बार अपने पिता की मृत्यु के बाद अपनी मां के संघर्षों के बारे में बात की थी। उन्होंने बताया था कि अपने बच्चों का पेट पालने के लिए उनकी मां दूसरे के घरों में काम करती थीं।
यहां रहती थीं हीराबा
पीएम मोदी की मां अपने बेटे पंकज मोदी के साथ गांधीनगर में रहती थीं। पीएम त्योहारों और महत्वपूर्ण मौकों पर उनसे मिलने जाया करते थे। इस साल वह उनसे गुजरात चुनाव से ठीक पहले और उनके 100वें जन्मदिन पर मिले थे। बुधवार को जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो वह अपनी मां से मिलने भी गए थे।
सादगी की प्रतिमूर्ति
हीराबेन सादगी की प्रतिमूर्ति थीं। बेटे के सीएम और पीएम होने के बाद भी वो आम जिंदगी ही जीतीं थीं। उनके पड़ोसी उन्हें इसी तरह से याद भी करते हैं। पड़ोसियों के लिए वो हमेशा मदद करने के लिए तैयार रहती थीं।
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