क्या संसद में पास होते ही लागू हो जाएगा महिला आरक्षण? या अभी करना होगा और इंतजार, यहां जानें सबकुछ

Women Reservation Bill: अगर आपको लग रहा है कि 2024 के चुनाव में ही इसे लागू कर दिया जाएगा.. तो ऐसा नहीं है। महिलाओं को अभी लंबा इंतजार करना होगा। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि आपने दरवाजे तो खोल दिए हैं लेकिन दरवाजों पर महिलाओं के लिए अभी भी 'नो एंट्री' है।

women reservation bill

महिला आरक्षण विधेयक

Women Reservation Bill: नए संसद भवन में प्रवेश करने के साथ ही आज का दिन महिलाओं के लिए भी ऐतिहासिक हो गया। संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश किया है। केंद्र सरकार ने इस बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया है। इस बिल में लोकसभा और विधानसभाओं में 33% सीटों महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है।

अब केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल को पास कराने की कोशिश करेगी, जिसके बाद यह बिल कानून की शक्ल ले लेगा और लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी। यानी लोकसभा और विधानसभा में हर तीसरा सांसद या विधायक महिला होगी। हालांकि, अगर आपको लग रहा है कि 2024 के चुनाव में ही इसे लागू कर दिया जाएगा.. तो ऐसा नहीं है। महिलाओं को अभी लंबा इंतजार करना होगा।

2029 के चुनाव में हो सकता है लागू

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2029 के चुनाव में लागू हो सकता है। दरअसल, इस कानून को अगले परिसीमन के बाद ही लागू किया जाएगा। यह परिसीमन 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना के बाद आयोजित किया जा सकता है। इसके बाद अगले लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जा सकती हैं। इस मुद्दे को उद्धव गुट की शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी उठाया है। उन्होंने कहा, मैं उम्मीद करती हूं कि यह तुरंत लागू होगा लेकिन बिल में यह लिखा है कि यह परिसीमन के बाद ही लागू होगा। इसका यह मतलब हुआ कि यह आरक्षण 2029 तक लागू नहीं हो सकता। आपने दरवाजे तो खोल दिए हैं लेकिन दरवाजों पर महिलाओं के लिए अभी भी 'नो एंट्री' है।

क्या राज्यसभा में भी महिलाओं को मिलेगा आरक्षण

महिला आरक्षण बिल में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटे की व्यवस्था सिर्फ लोकसभा और विधानसभाओं में ही की गई है। यह आरक्षण राज्यसभा और विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा। वहीं, एससी और एसटी महिलओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था इसी बिल के अंदर की गई है, उन्हें अलग से आरक्षण नहीं मिलेगा। आरक्षित कोटे में से एक तिहाई अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए सीटे आरक्षित होंगी। वहीं ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई है।

लोकसभा की कितनी बदलेगी तस्वीर

अभी लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं। यह बिली जब कानून बन जाएगा तो लोकसभा में महिलाओं के लिए 181 सीटें आरक्षित हो जाएंगी। यानी कम से कम 181 सांसद महिलाएं होंगी। इस बिल को लाने का उद्देश्य यह है कि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जा सके।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited