पहलगाम में किसने दिया आतंकी हमले को अंजाम, चल गया पता! हाफिज सईद का करीबी सैफुल्लाह कसूरी निकला मास्टरमाइंड
पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड के तौर पर लश्कर-ए-तैयबा एक प्रमुख कमांडर और डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी का नाम सामने आ रहा है। सैफुल्लाह कसूरी पाकिस्तान में रहता है और हाफिज सईद का करीबी है। इसके साथ ही सैफुल्लाह कसूरी, पाक सेना का भी खास है।

पाकिस्तान में सैफुल्लाह कसूरी (फाइल फोटो)
पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड का पता चल गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला करने के पीछे हाफिज सईद के करीबी सैफुल्लाह कसूरी है। सैफुल्लाह कसूरी, हाफिस सईद का करीबी है और इसे पाकिस्तानी सेना ने पाल रखा है। पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक फ्रंट टीआरएफ यानी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ है।
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पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड
सूत्रों से पता चला है कि आतंकी सैफुल्लाह कसूरी जम्मू-कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों के पीछे का दिमाग है और वह इन हमलों का मास्टरमाइंड है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित दो आतंकवादी भी जांच के घेरे में हैं। अधिकारियों का कहना है कि हमला पूर्व नियोजित था और हमलावरों ने कई दिन पहले ही घटनास्थल की रेकी कर ली थी।
कौन है सैफुल्लाह कसूरी
सैफुल्लाह साजिद जट्ट, जिसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शांगमंगा गांव का निवासी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उसे "कट्टर आतंकवादी" करार दिया है, जो वर्तमान में इस्लामाबाद में लश्कर-ए-तैयबा एक प्रमुख कमांडर और डिप्टी चीफ है। कसूरी आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में अपनी संलिप्तता को छिपाने के लिए चैरिटी और धार्मिक मुखौटों का इस्तेमाल करता है। लश्कर का ये कमांड, पाकिस्तान की आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने के लिए जाना जाता है।
सैफुल्लाह कसूरी का आतंक की दुनिया में परिचय
- लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ाव: सैफुल्लाह ने 2000 के दशक की शुरुआत में लश्कर को जॉइन किया, और उसकी ट्रेनिंग खुद पाकिस्तान में हुई, जिसका मतलब है उसे संगठित आतंकवाद की गहराई से समझ है।
- हाफिज सईद से सीधा संपर्क: इससे यह संकेत मिलता है कि वह आतंकी नेटवर्क की ऊंची पायदान पर रहा है और उच्च स्तर के आतंकी ऑपरेशनों में उसकी भागीदारी रही है। हाफिज सईद का काफी करीबी माना जाता है।
- पुंछ-राजौरी और POK में सक्रियता: साजिद भारत के पुंछ--राजौरी और पीओके में सक्रिय रहा है। जो यह दर्शाता है कि वह न केवल ऑपरेशनल था बल्कि भारतीय सीमा के पास आतंकियों की मूवमेंट और प्लानिंग का प्रमुख चेहरा भी रहा है।
- TRF और PAFF जैसे प्रॉक्सी संगठन: ये नए नाम आतंकी हमलों की जिम्मेदारी से बचने की रणनीति के तहत बनाए गए, ताकि सीधे तौर पर जैश-ए-मोहम्मद या लश्कर का नाम सामने न आए।
पहलगाम आतंकी हमला
बता दें कि कल यानि कि मंगलवार 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बाइसरण घाटी में पर्यटकों पर हुए हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हुए। यह हमला कश्मीर घाटी में वर्षों में हुआ सबसे भीषण नागरिक हमला है। इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकियों के नाम सामने आ रहे हैं। हमले के बाद सेना आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चला रही है।
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