Who is Akash Anand: कौन हैं आकाश आनंद, जिनको BSP चीफ मायावती ने 2024 से पहले घोषित कर दिया राजनीतिक वारिस? जानिए

Who is Akash Anand: मायावती के इस निर्णय से इस बात के साफ संकेत भी मिले हैं कि वह पिछले कुछ सालों में लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद दूसरी पीढ़ी को सियासत में आगे बढ़ाने लगी हैं।

Who is Akash Anand: कौन हैं आकाश आनंद, जिनको BSP चीफ मायावती ने 2024 से पहले घोषित कर दिया राजनीतिक वारिस? जानिए

Who is Akash Anand: आकाश आनंद...जी हां, आकाश ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की चीफ मायावती के राजनीतिक वारिस होंगे। रविवार (10 दिसंबर, 2023) को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सूबे की पूर्व सीएम ने यह ऐलान किया। उन्होंने दल के सीनियर नेताओं के साथ मंथन के बाद यह फैसला लिया है। बसपा नेता उदयवीर सिंह ने मीटिंग के बाद इस बात की पुष्टि समाचार एजेंसी एएनआई से की और बताया- बसपा प्रमुख ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। आइए, जानते हैं आकाश के बारे में:

मायावती के छोटे भाई का नाम आनंद कुमार है। वह भी पॉलिटिक्स में एक्टिव हैं। वह बसपा में उपाध्यक्ष रह चुके हैं। आकाश उन्हीं की संतान हैं। दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में आकाश की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई हुई है। आगे वह लंदन चले गए, जहां उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की। उनके पास नौकरी का रास्ता था, मगर आकाश ने बुआ की सियासी विरासत को आगे बढ़ाना ही सही समझा।

सियासत में सक्रिय आकाश की राजनीति में साल 2017 में एंट्री हुई थी। वह तब पहली दफा यूपी के सहारनपुर में एक रैली में बुआ के साथ मंच पर नजर आए थे। देखते ही देखते छह साल में उनकी पार्टी में दिलचस्पी और सक्रियता बढ़ी और हालिया ऐलान से पहले तक वह पार्टी में नेशनल कॉर्डिनेटर के पद पर काम कर रहे थे। आकाश शादीशुदा हैं और 2022 में उनका विवाह बसपा नेता और राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ की हेटी से हुआ था।

वैसे, सबसे रोचक बात है कि मायावती ने भतीजे को यह जिम्मेदारी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद दी है। चूंकि, इन चुनावों को 2024 के आम चुनाव (लोकसभा इलेक्शन) का लिटमस टेस्ट माना गया, इस लिहाज से उनका यह कदम अहम माना जा रहा है। सियासी गलियारों में इसे आकाश आनंद के लिए बड़ी और कड़ी जिम्मेदारी के तौर पर देखा गया। उन्हें यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर पार्टी की पूरे देश की जिम्मेदारी सौंपने का ऐलान किया गया है।

मायावती के इस निर्णय से इस बात के साफ संकेत भी मिले हैं कि वह पिछले कुछ सालों में लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद दूसरी पीढ़ी को सियासत में आगे बढ़ाने लगी हैं। इसी कड़ी में उन्होंने भतीजे को पॉलिटिक्स में इस कदर रफ्तार देने वाला नाइट्रो बूस्टर दिा है। आकाश को इससे पहले चुनावी राज्यों में प्रभारी भी बनाया गया था।

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अभिषेक गुप्ता author

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