Amritpal Singh फरार, पर केस में 116 गिरफ्तारः पिता को डर- हो सकता है एनकाउंटर, NSA लगने के बाद चाचा का सरेंडर
Who is Amritpal Singh: अफसरों को आशंका है कि अमृतपाल सिंह के कथित तौर पर मादक पदार्थ के तस्करों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ नजदीकी संबंध हैं। वह सिखों के लिए एक अलग देश के अपने लक्ष्य की खातिर इन लोगों के संपर्क में है।
Who is Amritpal Singh: खालिस्तान सपोर्टर, कट्टरपंथी उपदेशक और अपने संगठन वारिस पंजाब दा के चीफ अमृतपाल सिंह फिलहाल फरार है। केंद्र सरकार को आशंका है कि वह पाकिस्तान या फिर नेपाल भागने सकता है। यही वजह है कि केंद्र ने सरहद पर तैनात सीमा बलों को इस बाबत अलर्ट कर दिया है। इस बीच, सिंह के पिता को डर है कि उनके बेटे का एनकाउंटर किया जा सकता है।
वैसे, पंजाब की पुलिस ने गिरफ्तार किए उसके पांच सहयोगियों के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत एक्शन लिया है, जिनमें उसके चाचा हरजीत सिंह भी हैं। चाचा के साथ गाड़ी चलाने वाले हरप्रीत सिंह ने इससे पहले रविवार मध्यरात्रि को पुलिस के सामने सरेंडर किया था।
अपने संगठन के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऐक्शन के बाद से वह फरार है। अधिकारियों को आशंका है कि सिंह के कथित तौर पर मादक पदार्थ के तस्करों और पड़ोसी देश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ करीबी संबंध हैं। वह पंजाब के लिए अलग मुल्क के अपने मकसद की खातिर इन लोगों के साथ संपर्क में है।
अफसरों ने इस बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि तस्कर सिंह की कथित तौर पर वित्तीय मदद कर रहे थे, जिसमें उसे महंगी मर्सिडीज एसयूवी (गिफ्ट में) भी थी, जबकि आईएसआई हथियार, गोला-बारूद और अन्य रसद के साथ उसकी मदद कर रहा था।
अमृतपाल सिंह मूल रूप से पंजाब का रहने वाला है। साल 1993 में अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में जन्मा सिंह 12वीं पास है। 2012 में उसने इंडिया छोड़ दिया और वह तब अपने चाचा के साथ दुबई की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करने चला गया था।
छह महीने पहले ही वह पंजाब के नेताओं और पुलिस की नजर पर तब चढ़ा जब उसको वारिस पंजाब दे (यह वही संगठन है, जिसकी स्थापना एक्टर से एक्टिविस्ट बने दीप सिद्धू ने की थी) का प्रमुख बनाया गया था।
सिंह और उनके समर्थकों का दावा है कि सिद्धू (2022 में एक सड़क हादसे में जान चली गई थी) की "सरकार ने हत्या" की थी। वैसे, रोचक बात है कि अमृतपाल और सिद्धू की कभी निजी तौर पर भेंट नहीं हुई, पर उसका कहना है कि वह ऑनलाइन बाचतीत की वजह से उससे काफी प्रभावित था।
सबसे रोचक बात है कि वह जब दुबई में ट्रांसपोर्ट लाइन में काम किया करता था, तब वह क्लीन शेव रहता था। हालांकि, बाद में उसकी वेश-भूषा में बड़ा बदलाव देखने को मिला और वह बड़ी-बड़ी दाढ़ी के साथ भिंडरावाले की तरह कपड़े पहनने लगा। यही वजह रही कि कई लोग उसे भिंडरावाले 2.0 बताने लगे।
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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