कौन हैं जस्टिस DY Chandrachud, जो होंगे 50वें CJI?

Who is Justice DY Chandrachud: 11 नवंबर, 1959 को महाराष्ट्र के मुंबई में जन्में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ दिल्ली यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 साल की आयु में और हाई कोर्ट के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में रिटायर होते हैं।

50th cji

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Who is Justice DY Chandrachud: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) होंगे। वह देश के 50वें सीजेआई होंगे। मंगलवार (11 अक्टूबर, 2022) को मौजूदा सीजेआई जस्टिस यूयू ललित ने उनके नाम की सिफारिश की। जस्टिस ललित का कार्यकाल इस साल आठ नवंबर को खत्म हो रहा है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ मौजूदा सीजीआई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश और इस पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। आमतौर पर सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के तौर पर सबसे सीनियर न्यायाधीश को नॉमिनेट करते हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ 13 मई, 2016 को सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्त हुए थे। वह इससे पहले 31 अक्टूबर, 2013 से इस अप्वॉइंटमेंट तक इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे। उन्होंने इसके पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में बौतर जज और एसीजीआई (Additional Solicitor General of India) भी रहे। लॉ की प्रैक्टिस उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के अलावा बॉम्बे हाई कोर्ट में भी की।

दिल्ली विवि क सेंट स्टीफंस कॉलेज से उन्होंने बीए (ऑनर्स) इकनॉमिक्स किया। फिर इसी विवि के लॉ कैंपस से एलएलबी की डिग्री हासिल की। आगे वह अमेरिका गए और वहां उन्होंने हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम और ज्यूरीडीशियल साइंसेज (एसजेडी) में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की।

सोर्सः www.scobserver.in

परंपरा के मुताबिक, जस्टिस चंद्रचूड़ नौ नवंबर को सीजेआई पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं। उनका कार्यकाल दो साल का हो सकता है और वह 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 साल की आयु में और हाई कोर्ट के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में रिटायर होते हैं।

दरअसल, सरकार ने मौजूदा सीजेआई से कहा था कि वह अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करें। विधि और न्याय मंत्रालय ने इस बाबत सीजेआई उदय उमेश ललित को खत लिखा था। साथ ही नए सीजेआई के नाम की सिफारिश करते हुए नियुक्ति से जुड़े ज्ञापन प्रक्रिया शुरू करने की गुजारिश की थी।

टॉप कोर्ट में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया से जुड़ी ज्ञापन प्रक्रिया (एमओपी) के तहत निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश कानून मंत्रालय से पत्र पाने के बाद अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की प्रक्रिया शुरू करते हैं।

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अभिषेक गुप्ता author

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