कौन हैं मेजर दिव्या त्यागी? जो गणतंत्र दिवस परेड पर ‘बॉम्बे सैपर्स' के पुरुष दस्ते की करेंगी अगुवाई
Who Is Major Divya Tyagi: महिला अधिकारी मेजर दिव्या त्यागी गणतंत्र दिवस परेड पर 'बॉम्बे सैपर्स' के पुरुष दस्ते की अगुवाई करेंगी। मेजर त्यागी गणतंत्र दिवस परेड में कॉन्टिनजेंट कमांडर के रूप में बॉम्बे सैपर्स की पुरुष टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी होंगी। आपको उनके बारे में बताते हैं।
मेजर दिव्या त्यागी को जानिए।
Republic Day Parade: दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर ‘बॉम्बे सैपर्स’ की टुकड़ी का नेतृत्व एक महिला अधिकारी करेंगी। इस रेजिमेंट की टुकड़ी में सभी पुरुष अधिकारी शामिल होंगे। बॉम्बे सैपर्स के तीन सदी पुराने इतिहास में पहली बार एक महिला अधिकारी परेड के दौरान टुकड़ी की अगुवाई करेंगी।
मेजर दिव्या त्यागी करेंगी दस्ते का नेतृत्व
आठ साल पहले ‘कोर ऑफ इंजीनियर्स’ की 115 इंजीनियर रेजिमेंट में नियुक्त होने वाली 31 वर्षीय मेजर दिव्या त्यागी के लिए यह एक अनोखी उपलब्धि है। एक अधिकारी ने बताया कि मेजर त्यागी उस दल का नेतृत्व करेंगी, जिसमें एक अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी और 144 अन्य रैंक के जवान शामिल हैं। ये टुकड़ी पिछले छह महीने से परेड के लिए लगातार अभ्यास कर रही है।
2016 में बॉम्बे सैपर बनीं मेजर त्यागी
मेजर त्यागी गणतंत्र दिवस परेड में कॉन्टिनजेंट कमांडर के रूप में बॉम्बे सैपर्स की पुरुष टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी होंगी। सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक मेजर त्यागी वर्तमान में पुणे जिले के खड़की में ‘बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप एंड सेंटर’ में तैनात हैं। चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से अकादमी कैडेट एडजुटेंट के रूप में उत्तीर्ण हुईं त्यागी सितंबर 2016 में बॉम्बे सैपर बनीं। बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप जिसे बॉम्बे सैपर्स के रूप में जाना जाता है, थलसेना के इंजीनियर्स कोर की एक रेजिमेंट है।
1132 पुलिस कर्मी वीरता और सेवा पदक से सम्मानित
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता और सेवा पदक की विभिन्न श्रेणियों में 1,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया गया है। इसमें 277 वीरता पदक शामिल हैं। बृहस्पतिवार को एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार हाल में पदकों की समीक्षा के बाद गणतंत्र दिवस, 2024 के अवसर पर पुलिस, दमकल सेवा, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा एवं सुधारात्मक सेवा के कुल 1,132 कर्मियों को वीरता और सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
कुल 16 वीरता और सेवा पदकों को मिलाकर अब चार श्रेणियों में कर दिया गया है। इन पदकों को अब वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी), वीरता के लिए पदक (जीएम), विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) और सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। बयान में कहा गया है कि 277 वीरता पुरस्कारों में से 119 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर्मियों को और 133 जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के कर्मियों को दिए गए हैं।
शीर्ष श्रेणी का पीएमजी पदक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो कर्मियों को 'कांगो गणराज्य (एमओएनयूएससीओ) में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत शांति स्थापना के प्रतिष्ठित कार्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए मरणोपरांत प्रदान किया गया है। दोनों बुटेम्बो में मोरक्कन रैपिड डिप्लॉयमेंट बटालियन (एमओआरडीबी) शिविर में बीएसएफ की 15वीं कांगो टुकड़ी का हिस्सा थे।'
जुलाई, 2022 में कांगो में कार्रवाई के दौरान बीएसएफ के हेड कांस्टेबल सांवला राम विश्नोई और शिशु पाल सिंह शहीद हो गए थे। बयान में कहा गया है कि पीएमजी और जीएम पदक क्रमशः 'वीरता के दुर्लभ विशिष्ट कार्य' और 'वीरता के विशिष्ट कार्य' के आधार पर प्रदान किए जाते हैं। सबसे अधिक 72 वीरता पदक जम्मू-कश्मीर पुलिस कर्मियों को मिले। उसके बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को 65, महाराष्ट्र से 18, छत्तीसगढ़ से 26, झारखंड से 23, ओडिशा से 15, दिल्ली पुलिस से आठ कर्मियों और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 21 जवानों को पदक से सम्मानित किया गया है।
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