नदाव लपिड अपने देश में भी उठा चुके हैं ये कदम,अब कश्मीर फाइल्स को बनाया निशाना, ऐसा है करियर
Who is Nadav Lapid : नदाव लपिड उन 250 इजरायली फिल्म निर्माताओं के एक समूह में भी शामिल थे, जिन्होंने शोमरोन (सामरिया/वेस्ट बैंक) फिल्म फंड के लॉन्च के विरोध में एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। उनका और सहयोगियों के मानना था कि यह फंड फिलिस्तिनियों के शोषण के लिए बनाया गया है।
मुख्य बातें
- नदाव लपिड की 'पुलिसमैन' पहली फीचर फिल्म थी।
- भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने भी लपिड के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है।
- द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर दिए गए विवादास्पद बयान के बाद भारत में लपिड का कड़ा विरोध हो रहा है।
The Kashmir Files Controversy:गोवा में 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोह (आईएफएफआई) में ज्यूरी चेयरमैन इजरायल के फिल्म मेकर नदाव लपिड के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। नदाव लपिड ने भारतीय फिल्म 'कश्मीर फ़ाइल्स' को 'प्रोपेगेंडा और भद्दा' कहा है। उन्होंने यह बयान सोमवार को 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के समापन समारोह मे दिया। लपिड ने कहा कि हमने डेब्यू कंपटीशन में सात फिल्में और इंटनेशनल कंप्टीशन में 15 फिल्में देखीं। इनमें 15वीं फ़िल्म 'कश्मीर फाइल्स' को देख हम सभी विचलित और हैरान थे। यह एक प्रोपेगैंडा और भद्दी फिल्म जैसी लगी। जो कि इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल के कलात्मक कंप्टीशन के योग्य नही थीं। खास बात यह है कि इस समारोह में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे। संबंधित खबरें
नदाव लपिड इजरायली फिल्म मेकर हैं और उन्हें ज्यूरी का चेयरमैन बनाया गया था। भारत और इजरायल के मजबूत और ऐतिहासिक रिश्ते को देखते हुए लपिड के बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। उनकी सोशल मीडिया से लेकर भारत के कई फिल्म मेकर ने आलोचना की है। मामला बढ़ता देख भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने सख्त बयान दिया है। गिलोन ने कहा है कि IFFI गोवा में समारोह के ज्यूरी के तौर पर बुलाने वाले भारतीय निमंत्रण का लैपिड ने 'गलत इस्तेमाल' किया है। साथ ही जो भरोसा उन पर जताया गया था, उसका भी उन्होंने अपमान किया।संबंधित खबरें
शोमरोन फिल्म फंड से विवादों में आए थे लपिडसंबंधित खबरें
वैरायटी डॉट कॉम के अनुसार लपिड उन 250 इजरायली फिल्म निर्माताओं के एक समूह में भी शामिल थे, जिन्होंने शोमरोन (सामरिया/वेस्ट बैंक) फिल्म फंड के लॉन्च के विरोध में एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। फिल्म निर्माताओं का मानना था कि कि फंड बनाने का सिर्फ एक लक्ष्य था कि इजरायली फिल्म निर्माताओं को "वित्तीय सहायता और पुरस्कार देकर वह कारोबर को सफेद कर सके।शोमरोन फिल्म फंड का आधिकारिक लक्ष्य वेस्ट बैंक ("यहूदिया और सामरिया") में रहने वाले यहूदियों को अनुदान देना था। साथ ही वेस्ट बैंक में इजरायली नागरिकों द्वारा बनाई गई फिल्मों के प्रोडक्शन को अनुदान देना था। ऐसे में लपिड और उनके सहयोगियों के मानना था कि यह फंड फिलिस्तिनियों के शोषण के लिए बनाया गया है।संबंधित खबरें
नदाव लपिड की फिल्मी करियरसंबंधित खबरें
नदाव लपिड को ज्यूरी के चेयरमैन की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बावजूद उनका इस तरह का बयान, उनके फिल्मी कैरियर और उनके बारे में जाने की उत्सुकता बढ़ाता है। इजरायल के तेल अवीव में नदाव लपिड का जन्म 1975 में हुआ था। उन्होंनेने तेल अवीव यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की है। उन्होंने यरूशलम के फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल से डिग्री ली है। लपिड की चर्चित फिल्मों में पुलिसमैन, किंडरगार्टन टीचर शामिल हैं।संबंधित खबरें
'पुलिसमैन' उनकी पहली फीचर फिल्म थी। जिसे साल 2011 में लोकार्नो में ज्यूरी पुरस्कार और BAFICI में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिल चुका है । उनके दूसरी फिल्म 'द किंडरगार्टन टीचर' को 20 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। नदव फिलहाल अपनी तीसरी फिल्म 'माइक्रो रॉबर्ट' पर काम कर रहे हैं। लपिड 2015 के लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी के सदस्य रह चुके है। वह 2016 के कान फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटिक्स वीक जूरी के सदस्य थे और 71 वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म में 'आधिकारिक प्रतियोगिता' जूरी के सदस्य रहे हैं। संबंधित खबरें
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प्रशांत श्रीवास्तव author
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