कौन हैं निमिषा प्रिया जिसे यमन में मिली मौत की सजा; मदद के लिए आगे आई सरकार

Nimisha Priya: केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की नर्स निमिशा प्रिया 2008 में अपने डेली वेज वर्कर माता-पिता की मदद के लिए यमन चली गई थीं। अब निमिषा प्रिया को यमन में एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है।

Nimisha Priya

निमिषा प्रिया की मदद के लिए केन्द्र सरकार आई आगे

Who is Nimisha Priya: भारत ने मंगलवार को घोषणा की कि वह केरल की नर्स निमिषा प्रिया को हर संभव मदद प्रदान कर रहा है। निमिषा प्रिया को यमन में एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा कि हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में पता है। हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है। सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है। यह बयान यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी की ओर से निमिषा प्रिया की मौत की सजा को हाल ही में मंजूरी दिए जाने के बाद आया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि एक महीने के भीतर फांसी हो सकती है, जिससे परिवार सदमे में है और उसे बचाने के लिए समय की कमी महसूस कर रहा है।

जानिए क्या है बल्ड मनी

निमिषा की मां प्रेमा कुमारी, मृत्युदंड की सज़ा माफ करवाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। इस साल की शुरुआत में, उन्होंने यमन की राजधानी सना की यात्रा की। इस यात्रा का मकसद यमन में स्थित एनआरआई सामाजिक कार्यकर्ताओं के संगठन सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल की मदद से मृतक के परिवार के साथ ब्लड मनी के भुगतान पर बातचीत करना था। बल्ड मनी यमन में यह एक पारंपरिक प्रथा है जिसके कारण प्रिया की सजा में कमी आ सकती थी।

केरल के पलक्कड़ की रहने वाली हैं निमिषा

केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की नर्स निमिशा प्रिया 2008 में अपने डेली वेज वर्कर माता-पिता की मदद के लिए यमन चली गई थीं। उन्होंने कई अस्पतालों में काम किया और आखिरकार अपना खुद का क्लिनिक खोलने का फैसला किया। 2017 में, निमिषा प्रिया और उनके यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी के बीच विवाद हो गया। निमिषा पर महदी की हत्या का आरोप है। तब से वो जेल में है। जानकारी के मुताबिक, महदी ने उसकी क्लीनिक को खोलने में मदद करने का वादा किया था। यह भी दावा किया जाता है कि महदी ने अपना वादा नहीं निभाया, बावजूद इसके निमिषा ने यमन में अपना क्लीनिक खोल लिया। जानकारी के मुताबिक, इसके बाद महदी निमिषा को परेशान करने लगा और उसे अपनी दूसरी पत्नी बताने लगा। वह बार-बार निमिषा से पैसे मांगता था। इस बात को लेकर निमिषा ने पुलिस में शिकायत भी की, जिसके बाद कुछ दिनों तक महदी को जेल में रहना पड़ा।

हालांकि जब महदी जेल से वापस आया तो उसने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया था। पासपोर्ट को महदी से वापस पाने के लिए निमिषा ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। लेकिन बेहोशी के इंजेक्शन का डोज ओवरडोज में बदल गया और महदी की मौत हो गई। इसके बाद निमिषा ने अपनी कलीग हनान के साथ मिलकर महदी के शरीर के टुकड़े कर डाले और उसके शरीर को पानी के टैंक में फेंक दिया। बता दें कि हनान यमनी नागरिक है। इस मामले में साल 2018 में निमिषा को मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि हनान को आजीवन कैद हुई थी। निमिषा का एक 8 साल का बेटा भी है। निमिषा साल 2018 से ही यमन के सना में काम कर रही है। 2020 में, सना की एक ट्रायल कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई और यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में फैसले को बरकरार रखा, हालांकि इसने ब्लड मनी का विकल्प खुला रखा था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited