Who is Purnesh Modi: कौन हैं पूर्णेश मोदी, जिनकी शिकायत के बाद चली गई राहुल गांधी की संसद सदस्यता? जानिए

Who is Purnesh Modi: दरअसल, केरल के वायनाड से कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने साल 2019 में कर्नाटक के कोलार में आम चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था- क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?

Who is Purnesh Modi

Who is Purnesh Modi: पूर्णेश मोदी बीजेपी के नेता हैं और वह गुजरात से ताल्लुक रखते हैं। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Who is Purnesh Modi: कांग्रेस के पूर्व चीफ राहुल गांधी की जिस मानहानि के मामले में संसद सदस्यता (दोषी करार दिए जाने के साथ सजा सुनाए जाने के बाद) खत्म हुई है, उसकी असल जड़ पूर्णेश मोदी हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हैं और मूल रूप से गुजरात से ताल्लुक रखते हैं। सूबे के पूर्व मंत्री रह चुके मौजूदा विधायक मोदी ने ही इस मसले (‘‘मोदी सरनेम’’ से जुड़े बयान पर) में गांधी के खिलाफ शिकायत दी थी। साल 2019 में उन्होंने केरल के वायनाड से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था, जो कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने) के तहत दर्ज हुआ था।

आइए, जानतें हैं पूर्णेश मोदी के बारे में वे बातें, जो शायद ही आपको मालूम हों:54 बरस के मोदी का पूरा नाम पूर्णेश कुमार ईश्वरलाल मोदी है। उनका जन्म 22 अक्टूबर, 1965 को हुआ था। वह बी.कॉम पास हैं और उन्होंने इसके बाद एलएलबी की डिग्री (साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी के सूरत स्थित सर चौवासी लॉ कॉलेज से 1992 में) हासिल की थी।

साल 2017 के अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने सरकारी कर्मचारी के तौर पर अपना पेशा बताया था, जबकि उनकी पत्नी घर काम-काज देखने के साथ बिजनेस भी करती हैं। अफेडेविट बताता है कि उनके पास एक करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां हैं, जिनमें लगभग 13 लाख रुपए का सोना-चांदी है।

मौजूदा समय में 167 - सूरत (पश्चिम) विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह तब की गुजरात सरकार में कैबिनेट मंत्री की भूमिका भी निभा चुके हैं और तब उन्होंने परिवहन, नागर विमानन, पर्यटन और तीर्थ यात्रा विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाली थी।

"मोदी सरनेम" केस में राहुल की बेल मंजूरहालांकि, गुरुवार (23 मार्च, 2023) को सूरत के सेशंस कोर्ट ने इस केस में कोर्ट ने राहुल को बेल भी दे दी। साथ ही उनकी सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता उसके फैसले को अपर कोर्ट (ऊपरी अदालत) में चुनौती दे सकें। पूर्व कांग्रेस चीफ के वकील बाबू मंगुकिया ने मीडिया को इस बारे में बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने गांधी को आईपीसी की धाराओं 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया। ये धाराएं मानहानि और उससे संबंधित सजा से जुड़ी थीं।

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अभिषेक गुप्ता author

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