एक मिनट में 11 गालियां...नई संसद में यूं रमेश बिधूड़ी ने जहर उगल BJP की पिटाई भद्द, 'ढीली जुबान' के लिए पहले से बदनाम
Who is Ramesh Bidhuri: लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए शुक्रवार (22 सितंबर, 2023) को भाजपा ने अपने सांसद रमेश बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल के लिए दक्षिण दिल्ली के सांसद से जवाब मांगा।
भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी। (फाइल)
Who is Ramesh Bidhuri: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रमेश बिधूड़ी की जुबान फिर से फिसली है। उन्होंने इस बार देश की नई संसद में जहर उगला। ऐसा करते हुए उन्होंने न सिर्फ सदन के विशेष सत्र की गरिमा पर दाग लगाया बल्कि भाजपा की बुरी तरह भद्द पिटाई। हालांकि, विवादों और आपत्तिजनक टिप्पणियों से उनका काफी पुराना नाता है। वे इन चीजों के लिए काफी लंबे समय से बदनाम रहे हैं। आइए, जानते हैं कि रमेश बिधूड़ी कौन हैं?:
62 साल के बिधूड़ी मूल रूप से दिल्ली के हैं। दक्षिणी दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में उन्हें कई लोग बाहुबली के तौर पर देखते हैं। दो बार सांसद और तीन बार दिल्ली के विधायक रह चुके बिधूड़ी का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से दशकों से नाता रहा है।
अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस को एक बीजेपी नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बिधूड़ी का परिवार भी संघ से इमरजेंसी (आपातकाल) के समय से जुड़ा है। दक्षिणी दिल्ली में उनकी फैमिली ने आरएसएस की जड़े मजबूत करने में अहम योगदान अदा किया है।
बचपन में वह अपने घर के नजदीक लगने वाली शाखा में जाया करते थे। कॉलेज के दिनों में आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े। आगे 1983 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कार्यकारी परिषद के साथ शहीद भगत सिंह कॉलेज के सेंट्रल काउंसलर भी चुने गए।
उन्होंने वहां से बीकॉम के बाद यूपी के मेरठ स्थित चौधरी चरण विवि से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इस बीच, बीजेपी में उनका कद-पद बढ़ता गया और वह इस दौरान राजनाथ सिंह सरीखे बड़े नेताओं के संपर्क में आए। पदों की बात करें बीजेपी में वह महासचिव और उपाध्यक्ष की कमान भी संभाल चुके हैं।
1993 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ उनका चुनावी डेब्यू हुआ था और तब वह तुगलकाबाद सीट से लड़े थे। हालांकि, पहली दफा टिकट मिलने पर भी वह हार गए थे। आगे 1998 में भी इस चुनाव में उन्हें असफलता ही हाथ आई, मगर 2003 में तुगलकाबाद से विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने इस सीट को दो बार और (क्रमशः 2008 और 2013 में) जीता।
कुछ लोग बिधूड़ी को ऐसा नेता मानते हैं जो कि अपने गुस्से और जुबान पर काबू नहीं रख पाता है। अपने क्षेत्र में मंदिर, पार्क और स्कूल के निर्माण को सुनिश्चित कराने वाले बिधूड़ी के साथ एसयूवी के काफिले में अक्सर कुछ स्थानीय बाहुबली और ड्राइवर रहते हैं। जहां तक भीड़ जुटाने की बात है, तब वह अपनी पार्टी को कभी इस मामले में निराश नहीं करते हैं।
वैसे, साल 2015 में विपक्ष की पांच सांसदों ने तत्कालीन स्पीकर सुमित्रा महाजन को शिकायत देते हुए बिधूड़ी पर सदन में "आपत्तिजनक बर्ताव" करने के साथ "सेक्सिस्ट, अभद्र और अपमानजनक" भाषा इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
बिधूड़ी से जुड़ा क्या है हालिया विवाद?दरअसल, बिधूड़ी ने गुरुवार (21 सितंबर, 2023) को निचले सदन में ‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष के क्षेत्र में राष्ट्र की अन्य उपलब्धियां’ विषय पर चर्चा के दौरान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कुंवर दानिश अली के खिलाफ कुछ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। उन्होंने सदन में एक मिनट के भीतर लगभग 11 गालियां दे डाली थीं और इस दौरान अली और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, जिन पर सदन में काफी सियासी बवाल हुआ था। विपक्षी नेताओं ने इसी सिलसिले में बिधूड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। यह मामला इतना गर्मा गया था कि बाद में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को माफी मांगनी पड़ी थी।
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