कौन हैं सैम पित्रोदा? राजीव गांधी से क्या था कनेक्शन, पढ़िए सियासी घमासान बढ़ा देने वाले उनके बड़े बयान

Who is Sam Pitroda: सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष थे। सैम पित्रोदा को ही भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वह UN के लिए प्रधानमंत्री का सलाहकार भी रह चुके हैं। इसके अलावा सैम पित्रोदा को राजीव गांधी का बहुत खास माना जाता था। आइए आज इस लेख के माध्यम से सैम पित्रोदा को अच्छे से जानते है....

Sam Pitroda

पढ़िए सैम पित्रोदा ने कैसे बढ़ाई सियासी गर्मी

Who is Sam Pitroda: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके सैम पित्रोदा अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने इंहेरिटेन्स टैक्स को लेकर बयान दिया था, जिसे लेकर पीएम मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। अब सैम पित्रोदा के एक और बयान से कांग्रेस फिर से घिरती नजर आ रही है। उन्होंने पूर्वी भारत और उत्तर भारत के रंग-रूप पर बयान देकर एक बार फिर से सियासी गर्मी बढ़ा दी है। इतना कुछ पढ़ने के बाद आपके मन में अब यह सवाल उठता होगा कि आखिर ये सैम पित्रोदा हैं कौन जिनके बयानों से अक्सर विवाद खड़ा हो जाता है। तो चलिए बताते हैं कि कौन हैं सैम पित्रोदा?
सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष थे। सैम पित्रोदा को ही भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वह UN के लिए प्रधानमंत्री का सलाहकार भी रह चुके हैं। वह जन सूचना संरचना और नवप्रवर्तन सलाहकार भी रहे। सैम पित्रोदा अमेरिका में कई कंपनियां भी चलाते हैं।

राजीव गांधी से था सैम पित्रोदा का खास रिश्ता

सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा(सैम पित्रोदा) का जन्म ओडिशा के टिटलागढ़ में एक गुजराती बढ़ई परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गुजरात के वल्लभ विद्यानगर से पूरी की। वहीं, वडोदरा के महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर डिग्री हासिल की। साल 1964 में अमेरिका जाकर उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री की। साल 1981 में भारत लौटकर उन्होंने देश की टेली कम्युनिकेशन सिस्टम को मॉर्डन बनाने के बारे में सोचा। साल 1984 में ही तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आमंत्रण पर उन्होंने टेलीकॉम के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए सी-डॉट यानी 'सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स' की स्थापना की थी। उनकी क्षमता से प्रभावित होकर राजीव गांधी ने उनकी डोमेस्टिक और फॉरिन टेलीकॉम पॉलिसी को दिशा देने का काम किया। सैम पित्रोदा राजीव गांधी के सलाहकार भी रहे। 1987 में राजीव गांधी ने उन्हें टेलीकॉम, वाटर, शिक्षा, इम्युनाइजेशन, डेरी और ऑयलसीड्स से जुड़े छह टेक्नोलॉजी मिशन का हेड भी नियुक्त कर दिया था।

नेशनल नॉलेज कमीशन के रह चुके हैं अध्यक्ष

भारत में कई सालों तक काम करने के बाद 1990 के दशक में सैम पित्रोदा वापस अमेरिका लौट आए। यहां शिकागो में रहते हुए उन्होंने कई कंपनियां शुरू कीं। मई 1995 में वो इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन इनिशिएटिव के पहले चेयरमैन भी बने। 2004 में जब कांग्रेस की अगुवाई में भारत में यूपीए सरकार बनी, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सैम पित्रोदा को नेशनल नॉलेज कमीशन का अध्यक्ष बनने के लिए आमंत्रित किया। मनमोहन सिंह के न्योते पर सैम पित्रोदा दोबारा भारत लौटे। 2005 से 2009 तक सैम पित्रोदा नेशनल नॉलेज कमीशन के अध्यक्ष रहे। 2009 के चुनाव के बाद UPA की सरकार जब दोबारा सत्ता में आई तो अक्टूबर 2009 में उन्हें मनमोहन सिंह का सलाहकार नियुक्त किया गया। इसके साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया था। बता दें, सैम पित्रोदा को राहुल गांधी का राजनीतिक गुरु माना जाता है। राहुल गांधी समय-समय पर उनसे मुलाकात कर कई मुद्दों पर उनसे सलाह-मशवरा करते रहे हैं। यही वजह है कि बीजेपी उनको राहुल गांधी का अंकल कहकर तंज कसती है।

सैम पित्रोदा के कुछ विवादित बयान

  • भारत के विविधतापूर्ण संस्कृति पर अपनी राय रखते हुए सैम पित्रोदा ने विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के लोग सफेद गोरे जैसे दिखते हैं जबकि पूर्वी भारत के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकी जैसे और पश्चिम भारत के लोग अरब जैसे दिखते हैं।
  • पित्रोदा ने अमेरिका कानून का हवाला देते हुए विरासत कर को एक दिलचस्प सोच बताया है। उन्होंने कहा कि यह एक नीति है जो कि केवल अत्यंत धनी लोगों के लिए ही नहीं बल्कि आम लोगों के लिए फायदेमंद है। पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में इनहेरिटेंस टैक्स नाम का एक कानून है। यदि किसी व्यक्ति के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और उसकी मौत हो जाती है तो उसके मरने के बाद उसकी संपत्ति का 45 प्रतिशत हिस्सा ही उसके बच्चों को मिलता है जबकि 55 फीसदी हिस्सा सरकार ले लेती है। यह एक मजेदार कानून है। यह कानून कहता है कि आपने अपने जीवन में संपत्ति बनाई और अब आप इस दुनिया को छोड़कर जा रहे हैं तो आप आम लोगों के लिए अपनी संपत्ति जरूर छोड़ें। पूरी संपत्ति नहीं बल्कि आधी। यह मुझे सही लगता है।
  • सैम पित्रोदा ने जून 2023 में कहा था कि मंदिरों से देश की बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी दिक्कतों का समाधान नहीं होगा, इन मुद्दों पर कोई बात नहीं करता। हर कोई राम और हनुमान मंदिर की बातें करता है। उन्होंने ये कहकर राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी थी कि मंदिर निर्माण से आपको रोजगार नहीं मिलेगा।
  • सैम पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में भारत को विविधतापूर्ण देश बताया। उन्होंने कहा कि जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं। पश्चिम के लोग अरब जैसे, उत्तर के लोग गोरे और दक्षिण के लोग अफ्रीका जैसे दिखते हैं। हालांकि, उनके इस बयान से कांग्रेस ने किनारा कर लिया।
  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सैम पित्रोदा ने पिछले दिनों कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। यानी किसी शख्स के मरने के बाद उसकी संपत्ति का कुछ हिस्सा उसके रिश्तेदारों को दिया जाता है, जबकि एक बड़ा हिस्सा सरकार अपने पास रख लेती है। सैम पित्रोदा ने इस कानून को एक रोचक कानून बताया था।
  • सैम पित्रोदा को साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए एक बयान को लेकर भी आलोचना झेलनी पड़ी थी। 1984 सिख दंगों को लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इशारे पर सिख दंगे हुए थे, जिस पर सैम पित्रोदा ने कहा था कि 1984 में हुआ तो हुआ। हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि उनकी हिंदी अच्छी नहीं है। वह कहना चाहते थे कि जो हुआ वह बुरा हुआ।
  • साल 2019 में सैम पित्रोदा ने कहा था कि मेडिकल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए. उनको कांग्रेस की प्रस्तावित न्याय योजना की फंडिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा था कि टैक्स का बोझ बढ़ने से मिडिल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए। उनके इस बयान पर काफी बवाल हुआ था।
  • साल 2018 में पुलवामा में हुए अटैक के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक को लेकर भारत सरकार के एक्शन पर सवाल उठाते हुए सैम पित्रोदा ने कहा था कि पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं। इसके बारे में मैं ज्यादा नहीं जानता। उन्होंने कहा था कि मुंबई में भी हमला हुआ था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited