कौन हैं समष्टि गुब्बी और उन्होंने ऐसा क्या किया, जिसकी पीएम मोदी ने 'मन की बात' में कर दी तारीफ

Who is Samashti Gubbi: कर्नाटक की समष्टि गुब्बी ने बताया कि जब पीएम मोदी ने मेरी कोशिशों की सराहना की तो यह मेरे लिए खुशी का पल था। मैं पिछले कई सालों से संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए काम कर रही हूं। क्या आप जानते हैं कि आखिर गुब्बी कौन हैं और प्रधानमंत्री ने मन की बात में उनका जिक्र क्यों किया?

Who is Samashti Gubbi

पीएम मोदी ने समष्टि गुब्बी की तारीफ की।

Mann Ki Baat: क्या आप जानते हैं कि समष्टि गुब्बी आखिर कौन हैं, जिनका सराहना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में की। क्या आप ये जानते हैं कि आखिर गुब्बी ने ऐसा किया क्या है, जो पीएम मोदी उनकी तारीफ कर रहे हैं। आपको बताते हैं कि बेंगलुरु की समष्टि की किन कोशिशों के लिए उनकी चर्चा हो रही है। पीएम ने उनकी तारीफ की तो उन्होंने क्या प्रतिक्रिया दी।

समष्टि गुब्बी ने संस्कृत भाषा के लिए की अनोखी कोशिश

संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए तीन साल से अधिक समय से कड़ी मेहनत कर रहीं बेंगलुरु की समष्टि गुब्बी की ये कोशिशें रविवार को रंग लायीं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी तारीफ की। प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में संस्कृत को बोलचाल की भाषा बनाने के गुब्बी के प्रयासों का उल्लेख किया। संस्कृत के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि इस भाषा ने प्राचीन भारतीय ज्ञान और विज्ञान की प्रगति में बड़ी भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा कि आजकल ऐसा ही एक प्रयास बेंगलुरु में कई लोग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने समष्टि गुब्बी की तारीफ में क्या कुछ कहा?

पीएम मोदी ने कहा, 'बेंगलुरु में एक पार्क है- कब्बन पार्क। इस पार्क में यहां के लोगों ने एक नयी परंपरा की शुरुआत की है। यहां हफ्ते में एक दिन, हर रविवार को बच्चे, युवा और बुजुर्ग आपस में संस्कृत में बात करते हैं।' उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, यहां वाद-विवाद के कई सत्र भी संस्कृत में ही आयोजित किए जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'इस पहल का नाम ‘संस्कृत वीकेंड’ है। समष्टि गुब्बी जी ने एक वेबसाइट के जरिए इसकी शुरुआत की। कुछ दिन पहले ही शुरू किया गया यह प्रयास बेंगलुरुवासियों के बीच देखते ही देखते काफी लोकप्रिय हो गया है।' उन्होंने कहा कि अगर हम सब इस तरह के प्रयास से जुड़ें तो हमें विश्व की इतनी प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

Sthaayi.in की संस्थापक समष्टि गुब्बी ने बयां की खुशी

प्रधानमंत्री मोदी ने जब देशवासियों से इस प्राचीन भाषा को बढ़ावा देने के लिए गुब्बी से सीखने का आग्रह किया तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। गुब्बी ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री ने मेरे प्रयासों की सराहना की तो यह मेरे लिए खुशी का क्षण था। मैं पिछले कई वर्षों से संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए काम कर रही हूं।' तिरुपति राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से संस्कृत व्याकरण में एम.ए. करने वाली समष्टि गुब्बी Sthaayi.in की संस्थापक हैं और संस्कृत सप्ताहांत उन्हीं के दिमाग की उपज है।

संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए गुब्बी ने उठाया ये कदम

संस्कृत में स्नातकोत्तर (एमए) की डिग्री हासिल करने वाली गुब्बी लोगों को यह भाषा सिखा रही हैं। गुब्बी ने बताया कि उन्होंने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए 2021 में ‘स्थायी डॉट इन’ नामक एक पोर्टल शुरू किया था। उन्होंने कहा, 'हम संस्कृत भाषी लोगों के लिए मोटरसाइकिल यात्रा का आयोजन करते हैं। हमारा एक संस्कृत बैंड भी है जहां हम बॉलीवुड और कन्नड़ फिल्म के गीतों को संस्कृत में अनुवाद करते हैं और उन्हें बजाते हैं।'
कब्बन पार्क में उनके ‘संस्कृत वीकेंड’ में 800 से 900 लोग शामिल हो चुके हैं। यह पूछे पर कि क्या संस्कृत बोलने के लिए ‘व्याकरण’ का ज्ञान जरूरी है, इस पर गुब्बी ने कहा, 'जब हम बच्चे होते हैं तो किसी भाषा का व्याकरण नहीं सीखते। हम बस भाषा सीखते हैं।'
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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