जानिए कश्मीर में शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की कहानी, आखिर बार बहनोई से हुई थी ये बात

कर्नल मनप्रीत सिंह 12वीं सिख एलआई से थे और उन्हें सेना मेडल मिला था। पहले ही 17 साल की सेवा पूरी कर चुके थे।

कर्नल मनप्रीत सिंह

Colonel Manpreet Singh: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग इलाके में मंगलवार शाम को आतंकवादियों के साथ शुरू हुई मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों में से एक मोहाली के कर्नल मनप्रीत सिंह भी थे। कर्नल मनप्रीत सिंह उस बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे जिसने बुधवार को ऑपरेशन फिर से शुरू किया था। गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई। मेजर आशीष धोनैक और उपाधीक्षक हुमायूं भट भी शहीद हो गए।

12वीं सिख एलआई से जुड़े थे

कर्नल मनप्रीत सिंह 12वीं सिख एलआई से थे और उन्हें सेना मेडल मिला था। वहीं, मेजर धोनैक 15वें सिख एलआई में थे। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, मनप्रीत सिंह के बहनोई वीरेंद्र गिल ने कहा कि उन्होंने सुबह 6.45 बजे मनप्रीत से बात की थी। गिल ने कहा, 'उन्होंने कहा कि वह बाद में बात करेंगे।' मनप्रीत के परिवार में उनकी पत्नी, मां और दो बच्चे - एक छह साल का बेटा और एक दो साल की बेटी है।
जब उनके बहनोई ने आखिरी बार कर्नल मनप्रीत से बात की, तो उन्होंने कहा कि वह व्यस्त हैं क्योंकि ऑपरेशन चल रहा है। दोपहर में परिवार को पता चला कि वह ऑपरेशन में घायल हो गए हैं। उनकी मौत की खबर मिलने के बाद भी परिवार ने उनकी पत्नी को ये खबर नहीं दी।
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