Sitaram Yechury Dies: कौन थे सीताराम येचुरी, जिन्होंने वामपंथी राजनीति को दिखाई नई दिशा
Sitaram Yechury Dies: माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरुवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने 72 वर्ष में आखिरी सांस ली। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। बता दें कि सीताराम येचुरी का जन्म मद्रास (अब चेन्नई) में एक तेलुगु भाषी परिवार में हुआ था। उन्होंने छात्र जीवन के दौरान ही राजनीति शुरू कर दी थी।
फाइल फोटो।
मुख्य बातें
- लंबे समय से बीमार चल रहे थे येचुरी।
- छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत।
- येचुरी ने वाम राजनीति को दी नई दिशा।
Sitaram Yechury Dies: माकपा (CPM) के महासचिव सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। नई दिल्ली AIIMS में उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था और आज उन्होंने 72 वर्ष में आखिरी सांस ली। उनके जाने से राजनीतिक गलियारे में मातम पसर गया है। जानें कौन थे सीताराम येचुरी, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर बनाई अपनी पहचान।
कौन थे सीताराम येचुरी?
सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को हुआ था। वह एक भारतीय मार्क्सवादी राजनीतिज्ञ थे। वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव थे। साथ ही 1992 से सीपीआई(एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य थे। इससे पहले सीताराम येचुरी 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सांसद रहे थे।
कहां जन्मे थे सीताराम येचुरी?
सीताराम येचुरी का मद्रास (चेन्नई) में एक तेलुगु परिवार में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी और माता कल्पकम येचुरी आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के मूल निवासी हैं। उनके पिता आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे और उनकी मां एक सरकारी अधिकारी थीं, जो फिलहाल काकीनाडा में रहती हैं।
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सीताराम येचुरी की पढ़ाई लिखाई
बता दें कि सीताराम येचुरी हैदराबाद में पले-बढ़े। उन्होंने दसवीं तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान येचुरी दिल्ली आए। उन्होंने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में अपना एडमिशन लिया। इसके बाद अर्थशास्त्र में आगे की पढ़ाई की।
कैसा रहा सीताराम येचुरी का राजनीतिक सफर?
सीताराम येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) में शामिल हुए। इसके एक साल बाद वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में चले गए। हालांकि, सीताराम येचुरी को 1975 में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था। उस वक्त वह जेएनयू के छात्र हुआ करते थे। वह जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं।
इसके बाद 1978 में सीताराम येचुरी एसएफआई के अखिल भारतीय संयुक्त सचिव चुने गए, फिर अखिल भारतीय अध्यक्ष बने। वे एसएफआई के पहले ऐसे अध्यक्ष थे, जो केरल या बंगाल से नहीं थे। इसके बाद उन्होंने सीपीआई (एम) की केंद्रीय समिति में एंट्री ली। इसके बाद वह माकपा में कई अलग-अलग पदों पर लंबे समय तक रहे। आगे चलकर उन्हें माकपा का महासचिव चुना गया और वह इस पद पर काफी समय तक रहे। निधन के दौरान भी वह माकपा के महासचिव पद पर थे।
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Devshanker Chovdhary author
देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। टाइम्स नाउ सिटी टीम में वह इंफ्रा...और देखें
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