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Dashrath Manjhi: कैसे पत्नी के प्रेम में दशरथ मांझी ने उठा ली छेनी-हथौड़ी और चीर दिया पहाड़ का सीना

Dashrath Manjhi: दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी के लिए पहाड़ का सीना चीर दिया। उन्होंने सिर्फ छेनी और हथौड़ी के बल पर पूरा का पूरा पहाड़ तोड़ दिया और उनके इस सामर्थ्य की वजह से 55 किलोमीटर की दूरी घटकर 15 किलोमीटर हो गई। आइए, जानते हैं दशरथ मांझी 'द माउंटेन मैन' के बारे में।

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दशरथ मांझी (फाइल फोटो)।

मुख्य बातें
  • दशरथ मांझी के ऊपर बन चुकी है फिल्म।
  • दशरथ मांझी ने 22 सालों में काटा पहाड़।
  • पहाड़ काटकर 55 किमी की दूरी 15 किमी किया।

Dashrath Manjhi: साल 2015 में एक फिल्म आई थी 'मांझी: द माउंटेन मैन। नवाजुद्दीन सिद्दीकी स्टारर फिल्म की कहानी बिहार के गया से जुड़ी थी। फिल्म का एक डायलॉग था, 'जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं।' इस डायलॉग पर सिनेमा हॉल में खूब तालियां बजी और लोग यह जानने की कोशिश में जुट गए कि आखिर नवाजुद्दीन सिद्दीकी के निभाए किरदार दशरथ मांझी की कहानी क्या थी? लोग यह भी जानना चाह रहे थे कि क्या सच में कोई इंसान अपनी पत्नी के लिए पहाड़ का सीना चीर सकता है? दशरथ मांझी टॉक ऑफ द टाउन बन गए। गरीब दशरथ मांझी की जिंदगी की कहानी ने कुछ को रुलाया तो कुछ को प्रेरित भी किया।

किसी ने बताया सनकी, तो किसी ने बोला पागल

22 साल तक एक शख्स हाथ में हथौड़ा थामे पहाड़ पर प्रहार करता रहा। किसी की नजर में वो सनकी था, तो किसी की नजर में दीवाना, लेकिन दशरथ मांझी इन सभी से बेपरवाह था। उसके इरादे में दम था वह तो बस अपने साथ हुई ज्यादती को किसी और के साथ होते नहीं देखना चाहता था। फगुनिया और दशरथ की कहानी को रिपीट होते नहीं देखना चाहता था।

आखिर दशरथ मांझी की पत्नी फगुनिया के साथ हुआ क्या था, जिसके चलते वो हथौड़ा चलाने को मजबूर हो गए? जुनून ऐसा कि अपने भविष्य को भी ताक पर रख दिया। जो कुछ था उसे भी त्याग दिया। जिनसे जीवन चलता था सबका मोह भी छोड़ दिया। जिस पहाड़ का सीना चीरने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों का इस्तेमाल होता है उस पर मामूली औजारों से ही प्रहार करता गया। धैर्य का दामन नहीं छोड़ा। जो काम 1960 में शुरू किया उसे 1982 में सफलता से पूरा भी किया। एक गरीब शहंशाह की अपनी बेगम के प्रति प्यार की कहानी है मांझी और फगुनिया की।

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