शरद यादव भारत की पॉलिटिकल पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष थे
Sharad Yadav Profile, Family & Political Journey: शरद यादव भारतीय राजनीति के ऐसे मजबूत स्तंभ थे जिनकी भरपाई संभव नहीं है, बताते हैं कि वो भारत के पहले ऐसे राजनेता हैं जो 3 राज्यों से लोकसभा के लिए चुने गए, उन्होंने बिहार प्रदेश के मधेपुरा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार लोक सभा का प्रतिनिधित्व किया,दो बार मध्यप्रदेश के जबलपुर से सांसद चुने गए, एक बार उत्तर प्रदेश के बदायूं से लोकसभा के लिए चुने गए। शरद यादव संभवतः भारत के पहले ऐसे राजनेता हैं जो तीन राज्यों से लोकसभा के लिए चुने गए मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार।
शरद यादव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक थे परन्तु उनकी पार्टी द्वारा गठबंधन से सम्बन्ध विच्छेद कर लेने के कारण उन्होंने संयोजक पद से त्याग पत्र दे दिया। राजनीतिक गठजोड़ के माहिर खिलाड़ी शरद यादव को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक गुरु माना जाता है।
शरद यादव का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में किसान परिवार में हुआ, किसान के घर जन्मे शरद पढ़ने लिखने में काफी तेज थे, शरद पढ़ाई के दौरान ही राजनीति से प्रभावित थे और इसी के चलते वो राजनीति में इतना आगे बढ़े।
शरद यादव के परिवार में पत्नी डॉ. रेखा यादव, एक पुत्र और एक पुत्री है।
इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट थे
शरद यादव ने प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया, वो इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट हैं, साथ ही उन्होंने रॉबर्ट्सन मॉडल साइंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री भी प्राप्त की है।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत रही थी ऐसी
शरद यादव की राजनीतिक जीवन की शुरुआत एचडी देवगौड़ा, गुरुदास दासगुप्ता, मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव के साथ हुई थी, बताते हैं कि साल 1971 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वे जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज, जबलपुर मध्यप्रदेश में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए।
27 साल की उम्र में बने थे सांसद
27 साल की उम्र में शरद पहली बार 1974 में वे मध्यप्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए साल 1977 में वे दोबारा वो इसी लोकसभा सीट से चुनाव जीते और लोकसभा पहुंचे थे। फिर 1986 में राज्यसभा में चुने गए थे, फिर 1989 में 9वीं लोक सभा (तीसरी अवधि) में चुने गए। शरद यादव 1989-90 के दौरान केंद्रीय कैबिनेट मंत्री - कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग रहे थे।
1999 में हराया था लालू प्रसाद यादव को
फिर 1991 में 10 वीं लोकसभा (चौथी अवधि) के लिए फिर से निर्वाचित; सदस्य, लोक लेखा समिति, 1993 में नेता, जनता दल संसदीय पार्टी, फिर 1995 में का र्यकारी अध्यक्ष, जनता दल रहे। 1996 में 11 वीं लोकसभा (5 वीं अवधि) के लिए फिर से निर्वाचित; अध्यक्ष, वित्त समिति रहे,
1999 में 13 वीं लोकसभा (6 वीं अवधि) के लिए फिर से निर्वाचित; लालू प्रसाद यादव को हराया था।
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री- नागरिक उड्डयन भी रहे
13 अक्टूबर 1999 से 31 अगस्त 2001 को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री- नागरिक उड्डयन रहे। फिर 1 सितम्बर 2001- 30 जून 2002 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री - श्रम रहे। 1 जुलाई 2002- 15 मई 2004 को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री - उपभोक्ता मामले मंत्री, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री
रहे। 2004 में राज्य सभा के लिए फिर से निर्वाचित (द्वितीय कार्यकाल); सदस्य-व्यापार सलाहकार समिति, सदस्य-जल संसाधन समिति, सदस्य-सामान्य प्रयोजन समिति, सदस्य-सलाहकार समिति, गृह मंत्रालय। 2009 में 15 वीं लोकसभा (7 वीं अवधि) के लिए फिर से निर्वाचित हुए। फिर 2014 में राज्य सभा के लिए फिर से निर्वाचित (तीसरी अवधि) के लिए हुए थे।